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शिक्षा में नए बदलाव! बच्चों को भारत दर्शन, स्मार्ट क्लास और बेहतर स्कूल सुविधाएं देने की तैयारी

 उत्तराखंड में शिक्षा क्रांति: नई नीति, नए आयाम!

उत्तराखंड शिक्षा में बदलाव की नई शुरुआत: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने देहरादून में एक अहम बैठक की, जिसमें उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा की। बैठक का मुख्य उद्देश्य था, नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना। उन्होंने परीक्षा प्रणाली से लेकर अन्य नियमों में बदलाव पर जोर दिया, ताकि यह नीति बच्चों के लिए बेहतर अनुभव और रूचिकर शिक्षा प्रदान कर सके। बच्चों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, शिक्षा को और अधिक आकर्षक बनाने के निर्देश दिए गए।

भारत दर्शन योजना को नया स्वरूप: इस योजना को और व्यापक बनाने का निर्णय लिया गया है। इस साल कम से कम 1000 बच्चों को देश के विभिन्न स्थलों की यात्रा कराई जाएगी, और अगले साल यह संख्या बढ़ाकर 5000 करने का लक्ष्य रखा गया है। यात्रा की अवधि 7 दिन कर दी गई है ताकि बच्चे देश की विविधता को अच्छी तरह समझ सकें। यात्रा केवल पर्यटन स्थलों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चों को वैज्ञानिक संस्थानों और सैन्य प्रतिष्ठानों का भी दौरा कराया जाएगा, जिससे उनका ज्ञान और दृष्टिकोण व्यापक होगा।

क्लस्टर स्कूलों का तेज़ निर्माण: राज्य सरकार 559 क्लस्टर स्कूलों के निर्माण की योजना बना रही है। मुख्य सचिव ने इनके निर्माण में तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश दिया है कि अगले एक महीने के भीतर सभी चिन्हित स्कूलों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार हो जानी चाहिए। इसके साथ ही, स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर लैब के लिए भी DPR एक महीने में तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

जिला स्तर पर निगरानी और तीव्र कार्य: मुख्य सचिव ने सभी विभागीय निदेशकों को जिलों का दौरा करने और जिला अधिकारियों व निर्माण एजेंसियों के साथ मिलकर काम में तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं। क्लस्टर स्कूलों के लिए परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समितियाँ बनाई जाएंगी। हर परियोजना की समय सीमा तय की जाएगी और उस पर निगरानी रखी जाएगी।

हर स्कूल में स्मार्ट क्लास और छात्रावास की सुविधा: सभी प्रस्तावित स्कूलों में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर लैब के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाएगा। हर निर्माण कार्य की समय सीमा तय होगी और सचिव, अपर सचिव और महानिदेशक स्तर पर नियमित समीक्षा की जाएगी। राज्य में आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने और इनमें मेडिकल आपातकाल के लिए वाहन उपलब्ध कराने का भी सुझाव दिया गया है।

शिक्षा में बदलाव: एक उज्जवल भविष्य की ओर: इस बैठक में शिक्षा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सरकार का लक्ष्य शिक्षा को सिर्फ़ किताबों तक सीमित नहीं रखना, बल्कि बच्चों को देश, तकनीक और व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ना है। यदि ये योजनाएँ सफलतापूर्वक लागू हुईं, तो उत्तराखंड का शिक्षा मॉडल पूरे देश के लिए एक आदर्श बन सकता है।

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