गंगा किनारे से सीएम रेखा गुप्ता का संदेश – 100 दिन की सेवा के बाद मांगी देश और यमुना की खुशहाली की दुआ

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का 100 दिनों का जश्न: गंगा आरती और भावुक पल
गंगा स्नान और परिवार के साथ समय: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने 100 दिन पूरे होने का जश्न हरिद्वार में गंगा स्नान के साथ मनाया। उन्होंने अपने पति मनीष गुप्ता और बेटे निकुंज के साथ हर की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में डुबकी लगाई। यह सिर्फ एक स्नान नहीं था, बल्कि देश और प्रदेश की तरक्की के लिए मां गंगा से प्रार्थना करने का एक भावुक पल था। उन्होंने यमुना नदी को भी गंगा की तरह स्वच्छ और निर्मल बनाने की कामना की। यह पल उनके लिए आध्यात्मिकता और राजनीति का एक अनोखा संगम था।
गंगा पूजन और संतों का आशीर्वाद:गंगा पूजन के दौरान, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सीएम रेखा गुप्ता की गंगा के प्रति श्रद्धा की तारीफ की, जिससे वे भावुक हो गईं। संतों और श्रद्धालुओं ने उनका हार्दिक स्वागत किया। यह स्पष्ट था कि गंगा के प्रति उनका जुड़ाव सिर्फ आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत भी है जो उन्हें दिल्ली के विकास में नई ऊर्जा देती है। यह आशीर्वाद और सम्मान, उनके काम में नई दिशा और प्रेरणा प्रदान करेगा।
पति मनीष गुप्ता का विचार:सीएम के पति मनीष गुप्ता ने ऋषिकेश में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके लिए बहुत सुखद रही। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी सरकार के काम का असली मूल्यांकन जनता ही करती है, न कि परिवार या करीबी। यह बयान उनकी राजनीतिक समझदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके विचारों ने इस यात्रा को और भी सार्थक बना दिया।
यमुना की स्वच्छता का संकल्प:गंगा स्नान के बाद, रेखा गुप्ता ने ब्रह्मकुंड पर पूजन किया। उन्होंने कहा कि यह अवसर सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि उनके राजनीतिक और प्रशासनिक संकल्प का भी प्रतीक है। उन्होंने मां गंगा से यमुना को भी स्वच्छ और निर्मल बनाने का आशीर्वाद माँगा। यह वादा पर्यावरण के प्रति उनकी गहरी चिंता और ठोस कदम उठाने की इच्छा को दर्शाता है।
गंगा वात्सल्य आश्रम और दिल्ली के भविष्य का खाका:‘गंगा वात्सल्य’ आश्रम के उद्घाटन समारोह में, साध्वी ऋतंभरा की उपस्थिति में, रेखा गुप्ता ने संतों से आशीर्वाद लिया और दिल्ली के विकास के अपने विज़न पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली को एक विकसित और समृद्ध राजधानी बनाना चाहती हैं, और इसके लिए वह गंगा जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों से प्रेरणा ले रही हैं। यह आध्यात्मिकता और प्रशासन का एक अनोखा मिश्रण है।