‘ट्रंप की नीतियों से भारत के आईटी सेक्टर को होगा फायदा’- विप्रो चेयरमैन
बेंगलुरु। ट्रंप ने अमेरिका में दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। भारत के बड़े आर्थिक जानकारों का कहना है कि ट्रंप भारत के लिए काफी उपयोगी साबित होंगे। इसी को आगे बढ़ाते हुए विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिशद प्रेमजी ने मंगलवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति पद प्रो-बिजनेस और प्रो-ग्रोथ और तकनीकी सेवा उद्योग के लिए अच्छा होगा।
भारत के पास 254 अरब डॉलर का आईटी सेवा उद्योग
रिशद प्रेमजी का कहना है क भारतीय कंपनियां और निवेशक देश के 254 अरब डॉलर के आईटी सेवा उद्योग पर उनकी नीतियों के प्रभाव का आकलन करने के लिए व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी पर कड़ी नजर रखेंगे। आगे प्रेमजी ने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद के दौरान कम करों और विनियमों पर बातचीत आगे बढ़ सकती है और व्यवसाय के लिए और ग्राहक कैसे खर्च करेंगे, इसके लिए अच्छा संकेत है।
आईटी कंपनियों को मुद्रास्फीति के दबावों के बारे में सतर्क रहना चाहिए
संभावित कॉर्पोरेट कर दर में कटौती और आसान व्यापार नियमों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बहुत व्यवसाय समर्थक और विकास समर्थक है, जो हमारे सभी ग्राहकों की मदद करती है, जो अंततः भारत और दुनिया भर में भागीदारों की मदद करती है। आगे प्रेमजी ने कहा कि आईटी कंपनियों को मुद्रास्फीति के दबावों के बारे में सतर्क रहना चाहिए, विशेष रूप से टैरिफ के संबंध में और आव्रजन नीतियां कैसे विकसित होती हैं।
एच-1बी वर्क वीजा पर ट्रंप से भारतीयों को उम्मीदें
केयरएज रेटिंग्स के एक नोट में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग पर सख्त अमेरिकी नीतियों और एच-1बी वर्क वीजा पर प्रतिबंधों से भारत के आईटी क्षेत्र पर असर पड़ सकता है, जो अमेरिकी बाजार पर बहुत अधिक निर्भर करता है। नोट में कहा गया है कि भारतीयों को संयुक्त राज्य अमेरिका से सबसे अधिक संख्या में कार्य वीजा मिलते हैं, मुख्य रूप से आईटी क्षेत्र के लिए। यह क्षेत्र अपने राजस्व के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए यूएस-आधारित ग्राहकों पर भी निर्भर करता है।
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले नाराज हुए एलन मस्क
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही उद्योगपति एलन मस्क बेहद नाराज है। दरअसल, यह नाराजगी डोनाल्ड ट्रंप के पुराने करीबियों और इस चुनाव में बेहद अहम भूमिका निभाने वाले एलन मस्क की बढ़ती ताकत के बाद उभरी है। पांच नवंबर को डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद एलन मस्क दुनिया के गैर-निर्वाचित सबसे ताकतवर व्यक्ति बनकर उभरे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट नियुक्तियों पर एलन मस्क और ट्रंप के काफी लंबे समय से सलाहकार बोरिस एप्सटेन के बीच विवाद छिड़ गया है।