दिल्ली

दिल्ली-एनसीआर में लागू रहेंगी ग्रैप-4 की पाबंदियां, पांच को सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 के तहत लगी पाबंदियां जारी रहेंगी। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि 5 दिसंबर को हम एक्यूआई लेवल देखेंगे कि उसमें लगातार कमी आ रही है या नहीं। ग्रैप-4 में छूट देने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से दिए सुझाव पर सभी पक्षकारों की राय जानने के बाद कोर्ट उस दिन फैसला करेगा।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर के अंतर्गत आने राज्यों की ओर से निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को मुआवजा देने के आदेश पर अमल न करने पर नाराजगी जाहिर की। आज कोर्ट ने कहा कि 5 दिसंबर को सुनवाई में सभी एनसीआर के राज्यों के चीफ सेकेट्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान मौजूद रहें, तभी वो हमारे आदेश की गम्भीरता को समझेंगे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एनसीआर राज्यों से कहा था कि वो लेबर सेस के रूप में जमा पैसे का उपयोग श्रमिकों को जीविका प्रदान करने के लिए करें। अभी ग्रेप के तहत दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह से बैन है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर मनन वर्मा ने बताया कि बीएचईएल के वरिष्ठ अधिकारी के निर्माणाधीन घर के बारे में रिपोर्ट तैयार करने के दौरान उनको धमकियां दी गईं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मेदांता और अपोलो जैसे अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भी आशंका जताई है कि मौजूद स्थिति से जल्दी ही दिल्ली वालों के फेफड़े खराब होने की महामारी से ग्रस्त हो जाएंगे। मनन वर्मा ने पुलिस की स्थिति पर जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा में तो ट्रकों की बेरोकटोक आवाजाही की सूचना जब स्थानीय एसएचओ को दी गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है उल्टा वो हमसे ही बहस करने लगे। झड़ौदा कलां में तो टीम ने खेतों में पराली जलती हुई भी देखी। पुलिस से पूछा कि किसका खेत है तो पुलिस इसकी भी कोई जानकारी नहीं दे सकी।
एमिकस एडीएन राव ने कोर्ट को बताया कि सैकड़ों ट्रक दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं। इसको भी देखा जाए। वहीं वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कोई कार्यवाही नहीं की। एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि ट्रकों और टोल का कोई डेटा दर्ज नहीं किया जा रहा है। एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि कमिश्नर खुद खतरा महसूस कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के लिए पेश वकील शदन फरासत ने कहा कि हम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित कर रहे हैं, लेकिन दो-तीन घटनाओं के आधार पर यह नहीं कह सकते कि पूरी दिल्ली में कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। तब जस्टिस ओका ने पूछा कि कितने अधिकारी दिल्ली के एंट्री प्वाइंट्स पर तैनात किए गए हैं। तब फरासत ने कहा कि हमने ट्रांसपोर्ट और रेवेन्यू विभाग के अधिकारी लगा रखे हैं पर सटीक संख्या नहीं बता सकते फिर भी हमारे पास उनके ड्यूटी चार्ट हैं। कोर्ट ने कहा कि उनका कोई सुपरवाइजर है। उनको कौन सुपरवाइज कर रहा है। कोर्ट ने पूछा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग क्या कर रहा है।
कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को कहा कि हमें यह चिंता है कि 27 नवंबर को एक्यूआई 303 आया, लेकिन 28, 29 और 30 नवंबर को एक्यूआई फिर से बढ़ गया। तब आयोग की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह ट्रेंड जनवरी तक चलता रहेगा। तब जस्टिस ओका ने संकेत दिए कि आज भी हम किसी तरह की ढील की अनुमति नहीं देंगे।

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