“डॉ. अरुणा पल्टा ने पांच साल में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, यूटीडी की स्थापना को प्रमुख सफलता के रूप में पेश किया”
दुर्ग: हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने 12 सितंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस मौके पर उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों पर संतोष जताया और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा विश्वविद्यालय में यूटीडी (यूनीवर्सिटी टेक्निकल डेवलपमेंट) की स्थापना की घोषणा को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी सफलता के रूप में पेश किया। डॉ. पल्टा ने बताया कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने यूजीसी, राज्य शासन और राजभवन के नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए एक नई पहचान बनाई।
इस दौरान, राजभवन, छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग, जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का सहयोग महत्वपूर्ण रहा। डॉ. पल्टा ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों, 158 महाविद्यालयों के प्राचार्यों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं ने मिलकर विश्वविद्यालय को अग्रणी बनाने में हर संभव योगदान दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् और विद्या परिषद् के सदस्यों का भी अभूतपूर्व समर्थन मिला।
अपने कार्यकाल में डॉ. पल्टा ने विश्वविद्यालय को “छात्र केन्द्रित” बनाये रखने का प्रयास किया। विद्यार्थियों के हित में राष्ट्रीय स्तर की पांच संस्थाओं के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किए गए। कोरोना काल में भी विश्वविद्यालय ने कई ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स और आमंत्रित व्याख्यान आयोजित कर छात्रों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। उनके कार्यकाल में छात्रों ने राष्ट्रीय और जोनल युवा उत्सवों में पुरस्कार प्राप्त किए और एनएसएस, एनसीसी तथा खेलकूद में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी दक्षता साबित की।
डॉ. पल्टा ने उल्लेख किया कि उनके कार्यकाल में कोरोना के बाद लगातार दो दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किए गए, जिनमें 80 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि और सैंकड़ों विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। वर्तमान में विश्वविद्यालय में लगभग दो लाख नियमित और प्राइवेट छात्रों के साथ 19 विषयों में 1164 शोधार्थी पीएचडी के लिए पंजीकृत हैं।
उन्होंने विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के बीच सौहाद्रपूर्ण संबंध बनाए रखने का भी हर संभव प्रयास किया। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए अकादमिक कैलेण्डर का पालन करते हुए समय पर परीक्षाओं का आयोजन और परिणामों की घोषणा की गई। छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय परिसर में छात्र सुविधा काउंटर भी स्थापित किया गया।
सांप्रदायिक सौहाद्र और महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय में सर्वधर्म त्योहार और महिलाओं को पुरस्कार देने की परंपरा शुरू की गई।
डॉ. पल्टा ने कहा कि यूटीडी की स्थापना की घोषणा उनके कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है। हालांकि तकनीकी कारणों से विश्वविद्यालय के नए भवन का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले एक-दो महीनों में विश्वविद्यालय अपने नए भवन में संचालित होगा।
इस प्रकार, डॉ. अरुणा पल्टा ने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल को सफलता पूर्वक पूरा करते हुए विश्वविद्यालय की शिक्षा और विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।