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दिल्ली की हवा में जल्द दिखेगा सुधार: सड़कों पर लगेगा मिस्ट स्प्रे सिस्टम

 दिल्ली की प्रदूषित हवा में एक नई उम्मीद: मिस्ट स्प्रे सिस्टम-दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन अब एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक नए तरीके के तौर पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम को अपनाया है। आइए जानते हैं इस सिस्टम के बारे में विस्तार से।

 मिस्ट स्प्रे सिस्टम: कैसे करेगा काम?-यह सिस्टम सड़कों पर लगे खंभों से बेहद बारीक पानी की बूंदों का छिड़काव करता है। ये बूंदें हवा में उड़ती धूल के कणों से चिपक जाती हैं और उन्हें नीचे गिरा देती हैं, जिससे हवा साफ होती है। यह सिस्टम मानसून के चार महीनों को छोड़कर साल भर काम करेगा। पर्यावरण विभाग ने इस योजना को मंजूरी दे दी है और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। यह एक ऐसा समाधान है जो तकनीक और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ जोड़ता है।

 सुप्रीम कोर्ट की चिंता और सरकार का कदम-दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जाहिर की है और सरकार को प्रदूषण कम करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सड़कों पर पानी का छिड़काव करने पर जोर दिया है ताकि धूल और प्रदूषक तत्वों को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा, 13 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गई है जहाँ प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है, और वहाँ विशेष ध्यान दिया जाएगा।

 पायलट प्रोजेक्ट की सफलता और आगे की योजनाएँ-NDMC और DDA ने पहले ही कुछ इलाकों में मिस्ट स्प्रे सिस्टम का परीक्षण किया है, और नतीजे काफी उत्साहजनक रहे हैं। हवा की गुणवत्ता में सुधार साफ तौर पर दिखाई दिया है। अब सरकार इस तकनीक को पूरे शहर में लागू करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन का भी इस्तेमाल किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक क्षेत्रों में हवा को साफ किया जा सके। यह एक व्यापक दृष्टिकोण है जिसमें विभिन्न तकनीकों का समावेश है।

 सभी एजेंसियों की साझा ज़िम्मेदारी-PWD, MCD, DDA और NDMC जैसी सभी एजेंसियों को मिलकर इस सिस्टम को लागू करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। शुरू में, यह सिस्टम उन क्षेत्रों में लगाया जाएगा जहाँ प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है। बाकी क्षेत्रों में इसे अगले 15 दिनों के अंदर लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, मानसून के दौरान (15 जून से 1 अक्टूबर तक) यह सिस्टम काम नहीं करेगा। सभी एजेंसियों को हर तीन महीने में इस योजना की प्रगति रिपोर्ट पर्यावरण विभाग को देनी होगी। यह एक समन्वित प्रयास है जिससे सभी एजेंसियों की भागीदारी सुनिश्चित होती है।

एक छोटा कदम, बड़ा असर: सेहत और पर्यावरण दोनों को फायदा-दिल्ली की बिगड़ती हवा की स्थिति को देखते हुए, यह एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है। यह सिस्टम न केवल दिल्लीवासियों को सांस लेने में आसानी प्रदान करेगा बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाने में मदद करेगा। प्रदूषण से निपटने के लिए ऐसे ठोस प्रयासों की आवश्यकता है और मिस्ट स्प्रे सिस्टम इस दिशा में एक सराहनीय पहल है।

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