मध्यप्रदेश

विभिन्न श्रेणी के ऊर्जा उपभोक्ताओं के लिए 24 हजार 420 करोड़ रुपए की सब्सिडी का निर्णय

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आज मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद ने म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा 06 मार्च 2024 को जारी टैरिफ आदेश से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये लागू विद्युत दरों में राज्य शासन की सब्सिडी देने का निर्णय लिया है।

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विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं को ऊर्जा विभाग के बजट से सब्सिडी दी जाएगी। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत दरों का निर्धारण किया है, जो 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावशील हो गई है। सब्सिडी दिए जाने पर वर्ष 2024-25 में 24,420 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आयेगा।

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चिकित्सीय विशेषज्ञों के पदों की पूर्ति की मंजूरी

मंत्रि परिषद ने प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें उपलब्ध कराये जाने तथा स्वास्थ्य सूचकांको में बेहतर प्रदर्शन के लिए चिकित्सीय विशेषज्ञों के 607 पदों की पूर्ति सीधी भर्ती से कराने की मंजूरी दी। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत 07 विशेषज्ञताओं यथा निश्चेतना विशेषज्ञ, मेडिकल विशेषज्ञ, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, शिशुरोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, अस्थि रोग विशेषज्ञ तथा सर्जरी विशेषज्ञ के रिक्त 1214 पर्दो में से 50 प्रतिशत अर्थात् 607 पदों की पूर्ति सीधी भर्ती से कराने की छूट एवं तद्नुसार रिक्त पदों की पूर्ति के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से विज्ञापन करने की अनुमति दी गई।

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भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग में प्रतिनियुक्ति अथवा संविदा नियुक्ति का निर्णय

मंत्रि-परिषद ने भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति अथवा विभाग के अधीन प्रशासित संविदा भर्ती नियम 2003 के अंतर्गत संविदा पर लिए जाने का निर्णय लिया गया। संविदा पर भरे जाने की स्थिति में वरिष्ठ परामर्शी (चिकित्सा महाविद्यालय के प्राध्यापक के समकक्ष), परामर्शी (चिकित्सा महाविद्यालय के सह प्राध्यापक के समकक्ष), कनिष्ठ परामर्शी/विशेषज्ञ (चिकित्सा महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक के समकक्ष) और चिकित्सा अधिकारी को समेकित पुनरीक्षित पारिश्रमिक (रूपये) पर नियुक्ति दी जाएगी।

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तीन नये विवि की स्थापना एवं शहडोल विवि के लिए वित्तीय सहायता और पदो की मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने सागर, खरगौन और गुना में नवीन विश्वविद्यालयों की स्थापना एवं शहडोल में पूर्व संचालित विश्वविद्यालय को सम्बद्धतादायी बनाए जाने पर पद-सृजन एवं वित्तीय- सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। रानी अवन्तीबाई लोधी विश्वविद्यालय, सागर, क्रांतिसूर्य टंटया भील विश्वविद्यालय, खरगौन तथा क्रांतिवीर तात्याटोपे विश्वविद्यालय, गुना में नये विश्वविद्यालय की प्रारम्भिक आवश्यकता के लिए 3 करोड़ रूपए की स्वीकृति एवं प्रथम वर्ष के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के पूरक बजट में राशि 10 करोड़ रूपए के प्रावधान की मंजूरी दी गई है। प्रत्येक नये विश्वविद्यालय के लिए प्रशासकीय 14 पद, शैक्षणिक 140 पद तथा गैर-शैक्षणिक 81 पद कुल 235 पदों (5 वर्षों में विस्तारित) की स्वीकृति प्रदान की गई है। शैक्षणिक पदों के विषय-निर्धारण के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है। भवन निर्माण सहित पूंजीगत परियोजना के लिए प्रत्येक नये विश्वविद्यालय को 150 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही पंडित शम्भुनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल के लिए 45 करोड़ रूपये, इस प्रकार कुल राशि 495 करोड़ रूपये का भविष्य में पुनर्विलोकन की शर्त पर सिद्धान्ततः अनुमोदन दिया गया है।

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इस वर्ष को गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाने का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने गौवंश की रक्षा करने के संकल्प के साथ इस वर्ष की चैत्र की गुड़ी पड़वा से अगले वर्ष तक गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाने का अनुमोदन दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में यह निर्णय लिया गया था, जिसका आज मंत्रि-परिषद ने अनुमोदन दिया। मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में मध्यप्रदेश शासन द्वारा यह साल, गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जो प्रतिपदा (गुड़ी पड़वा), चैत्र, शुक्ल पक्ष 9 अप्रैल 2024 से आगामी अमावस्या, चैत्र, कृष्ण पक्ष, 29 मार्च 2025 तक मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड के अंतर्गत मनाया जा रहा है। प्रदेश में संचालित गौ-शालाओं को श्रेष्ठ संचालन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। सड़कों पर गाय दुर्घटना का शिकार होती है।

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ऐसी व्यवस्था होगी कि घायल गाय को इलाज के लिए आसानी से ले जाया जा सके। हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल को टोल व्यवस्था के अंतर्गत प्रबंध किया जाएगा। प्रदेश की सभी गौशालाओं में गौवंश से जुड़ी 26 प्रमुख तिथियों में वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। गौशालाओं को समाज से जोड़ने के लिये जिलों में विभिन्न सामाजिक, मांगलिक व धार्मिक कार्यक्रमों को भी गौशालाओं में कराने का आव्हान किया गया है। इसमें नई पीढ़ी को गौवंश के प्रति संवेदनशील बनाने के लिये भी कार्यक्रम होंगे।

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