बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में मादा बाघ शावक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
उमरिया। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कहीं बाघ द्वारा ग्रामीणों पर हमला तो कहीं बाघों की मौत, कहीं हाथियों की मौत तो कहीं तेंदुए की मौत, यह सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। एक बार फिर पनपथा बफर के टूरिज़्म ज़ोन में एक मादा बाघ शावक की मौत हो गई। इस घटना की सूचना किसी पर्यटक ने गुरुवार की दोपहर में पार्क प्रबन्धन को दी है। जिसके बाद पार्क प्रबन्धन हरकत में आया और देर शाम घटना स्थल की ओर रवाना हुआ।
शुक्रवार को पनपथा एसडीओ वन बी एस उप्पल ने बताया कि मादा बाघ शावक की उम्र लगभग डेढ़ वर्ष है और पनपथा बफर जोन अंतर्गत जगुआ बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 501 में पर्यटन मार्ग के किनारे मिला है। मृत मादा बाघ शावक का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार करवा दिया गया है, इसकी मौत प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष में हुई प्रतीत होती है, ज्यादा जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी।
गौरतलब है कि मादा बाघ शावक की मौत बुधवार को रात में हुई होगी और जब पर्यटक उस रास्ते से गये तब गुरुवार को पनपथा रेंजर शिव पाल सिंह मार्को को सूचना दिए, लेकिन रेंजर ने उच्च अधिकारियों को सूचना देना मुनासिब नही समझा। गुरुवार की देर शाम जब अधिकारियों तक सूचना पहुंची तब पार्क प्रबंधन हरकत में आया और रात में घटना स्थल तक पहुंच कर शव को सुरक्षित किये और शुक्रवार को पोस्टमार्टम करवा कर अंतिम संस्कार किया, जबकि पनपथा क्षेत्र में ही कुछ माह पूर्व 11 हाथियों की मौत हुई थी और रेंजर द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही की गई ऐसे में विभाग को तत्काल एक्शन लेना चाहिए ताकि वन्य जीव सुरक्षित रह सकें।