मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज करेंगे पंजीयन विभाग के सॉफ्टवेयर संपदा 2.0 का शुभारंभ

ई-साइन एवं डिजिटल हस्ताक्षर से तैयार होंगे दस्तावेज

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज (गुरुवार को) पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग विभाग की नवीन तकनीक पर विकसित सॉफ्टवेयर संपदा 2.0 के ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दोपहर एक बजे होगा। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त व वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
उप मुख्यमंत्री देवडा ने बताया कि संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य शासन का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश में रजिस्ट्री के नये नियम लागू किये गये है। इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलेट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन गुना, हरदा, डिण्डौरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। आज से इसे प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किया जाएगा। संपदा 2.0 का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन एवं नोटिफिकेशन जारी होने से अब देश में मध्यप्रदेश दस्तावेजों के पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार चरणबद्ध तरीके से सॉफ्टवेयर पर दस्तावेजों के ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग के लिये प्रदेश के समस्त जिलों में लागू किये जाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। उक्त सॉफ्टवेयर द्वारा सम्पत्तियों का अंतरण, लोन इत्यादि दस्तावेजों का पंजीयन पूर्ण रूप से डिजिटली ही किया जायेगा। अगर उस दस्तावेज पर लोन लिया गया होगा, तो उसकी जानकारी भी इसमें देखी जा सकेगी। साथ ही सम्पत्ति की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से की जायेगी। पंजीयकों की पहचान ई-केवाईसी के माध्यम से पूर्ण की जायेगी। इसमें घर बैठे पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग की सुविधा भी होगी।

सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी। इसकी विशेषताओं में संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण शामिल है। इस प्रणाली में दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा, जिससे गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा, और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है।पंजीयन के लिये ई-साइन एंव डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन होगा। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है।
सम्पदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है। यह नवाचार न केवल आम जनता के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्यप्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। यह पहल साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू रूप से संचालित करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button