
देश में मैन्युफैक्चरिंग को मिल रहा बड़ा बूस्ट, लाखों को मिला रोजगार भारत में विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) को बढ़ावा देने के लिए सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना जबरदस्त तरीके से असर दिखा रही है। इस योजना की वजह से अब तक 1.61 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है, जिससे 11.5 लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। यही नहीं, इस योजना के तहत देश में 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का उत्पादन हुआ है, जबकि 5.31 लाख करोड़ रुपये के सामानों का निर्यात भी हो चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि 2024-25 में 15.52 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन हासिल किया जाए।
764 कंपनियों को मिला सरकार का सपोर्ट, MSME सेक्टर भी फायदे में – सरकार की इस योजना में बड़े उद्योगों के साथ-साथ छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को भी जबरदस्त फायदा हो रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, अब तक 764 कंपनियों के आवेदन को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें 176 MSMEs भी शामिल हैं, जिससे छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को भी मजबूती मिल रही है।
PLI योजना के तहत ये प्रमुख सेक्टर शामिल हैं –
✅ फार्मा और मेडिकल डिवाइस
✅ दूरसंचार और टेक्सटाइल उद्योग
✅ व्हाइट गुड्स (जैसे एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन)
✅ फूड प्रोसेसिंग और ड्रोन टेक्नोलॉजी
✅ बल्क ड्रग्स और स्पेशल स्टील सेक्टर
स्पेशल स्टील सेक्टर में 25,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव, स्पेशल स्टील सेक्टर को लेकर भी कंपनियों का जबरदस्त रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है। 35 कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपये निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। सरकार इस योजना के तहत 3,600 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन (इंसेंटिव) देने की तैयारी में है।योजना के अंत तक 2,000 करोड़ रुपये तक की राशि बांटने की योजना बनाई गई है। इस्पात मंत्रालय फिलहाल इन कंपनियों के चयन और समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में है।
PLI योजना से ‘मेक इन इंडिया’ को मिल रही नई उड़ान
PLI योजना ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करने के साथ ही रोजगार के नए अवसर भी खोले हैं।
🔹 देश में उद्योग तेजी से बढ़ रहे हैं
🔹 घरेलू कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है
🔹 भारत का निर्यात लगातार बढ़ रहा है