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ब्रेस्ट कैंसर: जागरूकता और सही समय पर इलाज से बच सकती है जिंदगी

ब्रेस्ट कैंसर: ब्रेस्ट कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, जो हर साल हजारों महिलाओं की जान ले लेती है। हालांकि, कई महिलाएं समय रहते इसके लक्षण पहचान लेती हैं और इलाज करवा कर अपनी जिंदगी बचा लेती हैं। लेकिन दिक्कत तब होती है जब लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं होती और वे लापरवाही कर जाते हैं। इसका नतीजा गंभीर हो सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम, लेकिन पुरुष भी हो सकते हैं शिकार सीके बिरला अस्पताल के डॉक्टर रोहन खंडेलवाल का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा देखा जाता है। हालांकि, यह पुरुषों में भी हो सकता है। लेकिन अगर इसे शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए, तो इलाज का असर काफी बेहतर होता है और ठीक होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

कैसे पहचानें ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण? डॉ. खंडेलवाल बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है। ये कुछ संकेत आपको सतर्क कर सकते हैं:

  • ब्रेस्ट या बगल में गांठ का महसूस होना। यह आमतौर पर दर्दरहित होती है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  • स्तन के आकार या शेप में बदलाव।
  • ब्रेस्ट की त्वचा का लाल होना, गड्ढे पड़ना, या नारंगी के छिलके जैसी दिखना।
  • निप्पल से स्राव होना, खासकर खून या किसी अन्य तरल का निकलना।
  • निप्पल में खिंचाव महसूस होना।
  • लंबे समय तक दर्द रहना, जो मासिक धर्म से जुड़ा न हो।
  • बगल में सूजन या लिम्फ नोड्स का बढ़ना।

क्या हैं ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण? डॉ. बताते हैं कि 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा, अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।

  • हार्मोनल बदलाव भी बड़ा कारण हो सकते हैं, जैसे जल्दी मासिक धर्म शुरू होना या हार्मोन एस्ट्रोजन के लंबे समय तक संपर्क में रहना।
  • लाइफस्टाइल भी इसकी एक वजह बन सकती है, जैसे शराब का ज्यादा सेवन करना, शारीरिक गतिविधियों की कमी, या रजोनिवृत्ति के बाद वजन बढ़ना।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज: सही समय पर सही तरीका अपनाएं डॉ. खंडेलवाल बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कई तरह से किया जा सकता है, जो बीमारी की स्टेज और स्थिति पर निर्भर करता है।

  • सर्जरी: इसमें ट्यूमर को हटाया जाता है।
  • रेडिएशन थेरेपी: कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के लिए रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है।
  • कीमोथेरेपी: दवाओं के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म करना या उनकी बढ़त को रोकना।
  • हार्मोन थेरेपी: हार्मोन एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन के प्रभाव को कम कर कैंसर की वृद्धि को नियंत्रित करना।

जागरूकता और सतर्कता है सबसे बड़ा बचाव डॉ. खंडेलवाल का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर से बचाव का सबसे आसान तरीका है जागरूक रहना और इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करना। सही समय पर जांच और इलाज से आप न सिर्फ अपनी, बल्कि अपने परिवार की भी चिंता कम कर सकते हैं।

अगर आप ब्रेस्ट कैंसर के इन लक्षणों को पहचानकर समय पर कदम उठाएंगे, तो इस बीमारी को हराना मुश्किल नहीं है। याद रखें, आपकी सेहत सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

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