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लहसुन खाने के फायदे

नई दिल्ली। लहसुन भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक लोकप्रिय मसाला है। अपने हल्के तीखे स्वाद और सुगंध की वजह से यह कई व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर लोग खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, स्वाद बढ़ाने के साथ ही यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसको अपनी डाइट में शामिल करने से ब्लड प्रेशर कम करने, कोलेस्ट्रॉल कल करने और हार्ट हेल्थ में सुधार करने में मदद मिलती है।
लोग आमतौर पर सब्जियों या चटनी में इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन सुबह खाली पेट इसे खाने से सेहत को ढेर सारे फायदे होते हैं। अगर आप अभी तक लहसुन से होने वाले फायदों से अनजान हैं, तो आज इस आर्टिकल में जानेंगे रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली खाने के फायदे-
दिल की सेहत में सुधार
लहसुन ब्लड प्रेशर को कम करके, कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने और आर्टरीज को सख्त होने से रोककर दिल की सेहत में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि इसके सेवन से हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का जोखिम कम हो सकता है।
पाचन स्वास्थ्य बेहतर
खाली पेट लहसुन खाने से पाचन उत्तेजित हो सकती है, जिससे आंत के स्वास्थ्य यानी गट हेल्थ में सुधार हो सकता है। यह पाचन एंजाइम्स के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है और इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो गट हेल्थ संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।
इम्युनिटी बढ़ाए
कच्चा लहसुन एंटीऑक्सीडेंट और सल्फर युक्त कंपाउंड से भरपूर होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। नियमित रूप से इसे खाने से संक्रमण और बीमारियों से बचाव में मदद मिल सकती है।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करे
लहसुन में मौजूद सल्फर कंपाउंड शरीर से हेवी मेटल्स को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करते हैं। यह लिवर के कामकाज में मदद करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है, जिससे हमारे पूरे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
ओरल हेल्थ बेहतर करे
लहसुन में शक्तिशाली माईक्रोबियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। ऐसे में कच्चा लहसुन चबाने से बैक्टीरिया, वायरस और फंगस सहित पैथोजन्स से लड़ने में मदद मिल सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है और ओरल हेल्थ भी बेहतर होती है।
गठिया के दर्द में असरदार
लहसुन में डायलिल डाइसल्फाइड जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे संभवतः गठिया जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

 

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