पंजाब

बेअंत सिंह हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना को नहीं दी राहत

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के जुर्म में मृत्युदंड की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने मामले पर सरकार की ओर से जवाब दिए जाने तक राजोआना को अंतरिम तौर पर कुछ महीने के लिए रिहा किए जाने का अनुरोध नहीं माना और कोई भी अंतरिम आदेश दिए बगैर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। इस बीच केंद्र सरकार और पंजाब सरकार जवाब दाखिल करेंगी।
हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह राजोआना की लंबित दया याचिका पर निर्णय ले अन्यथा कोर्ट मामले पर विचार करेगा।राजोआना पिछले करीब 29 वर्षों से जेल में है। ये निर्देश और टिप्पणियां जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा माफ कर उसे उम्रकैद में तब्दील किए जाने की मांग याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।राजोआना ने दया याचिका के निपटाने में अत्यधिक देरी को आधार बनाते हुए मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील करने और रिहाई का आदेश दिए जाने की मांग की है।
सोमवार को राजोआना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राजोआना पिछले 29 वर्षों से जेल में है। उसकी दया याचिका लंबे समय से राष्ट्रपति के समक्ष विचाराधीन है। तभी केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि राजोआना को पंजाब के मुख्यमंत्री की हत्या के जुर्म में सजा हुई है।मेहता ने कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष लंबित दया याचिका की स्थिति पता करनी होगी। इस पर पीठ ने कहा कि वह जल्दी निर्णय लें अन्यथा कोर्ट मामले पर विचार करेगा। पीठ ने पंजाब की ओर से पेश वकील से पूछा कि क्या उन्होंने याचिका का जवाब दाखिल कर दिया है।
पंजाब ने कहा कि छुट्टियों के कारण नहीं दाखिल हो पाया। कोर्ट ने उन्हें जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। लेकिन इसी बीच रोहतगी ने कहा तब तक अंतरिम तौर पर कोर्ट राजोआना को छह महीने या तीन महीने के लिए अंतरिम रिहाई दे दें ताकि वह भी बाहर की दुनिया देख सकें।लेकिन सालिसिटर जनरल ने राजोआना को अंतरिम तौर पर रिहाई देने का जोरदार विरोध किया। पीठ ने भी दूसरे पक्ष को सुने बगैर कोई भी अंतरिम आदेश पारित नहीं किया और मामले की सुनवाई 18 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की याचिका पर गत 25 सितंबर को केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था और जवाब दाखिल करने को कहा था। पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य 31 अगस्त, 1995 को बम विस्फोट में मारे गए थे।इस मामले में राजोआना को फांसी की सजा हुई है। राजोआना का कहना है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने मार्च 2012 में उसके लिए राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। राजोआना की याचिका का यह दूसरा दौर है।इससे पहले पिछले वर्ष तीन मई को सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की फांसी उम्रकैद में बदलने से इन्कार कर दिया था और कहा था कि सक्षम अथारिटी उसकी दया याचिका पर निर्णय ले सकती है।

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