
कक्षा 10वीं में बेसिक मैथ्स (Basic Mathematics) लेकर भी अब आप 11वीं में स्टैंडर्ड मैथ्स (Standard Mathematics) पढ़ सकते हैं! हाँ, आपने सही सुना! CBSE ने एक नया नियम बनाया है जिससे छात्रों को मैथ्स के क्षेत्र में ज़्यादा विकल्प मिलेंगे। लेकिन, ध्यान रखें, इसके लिए आपके स्कूल की अनुमति ज़रूरी है।
CBSE का नया नियम – 2019-20 से CBSE ने 10वीं कक्षा में मैथ्स के दो लेवल शुरू किए थे – बेसिक और स्टैंडर्ड। इसका मकसद ये था कि जो छात्र आगे मैथ्स नहीं पढ़ना चाहते, वो बेसिक मैथ्स ले सकते हैं, और जो आगे मैथ्स में करियर बनाना चाहते हैं, वो स्टैंडर्ड मैथ्स चुन सकते हैं। लेकिन, कोरोना महामारी के दौरान, CBSE ने कुछ छूट दी और बेसिक मैथ्स वाले छात्रों को भी 11वीं में स्टैंडर्ड मैथ्स पढ़ने की इजाज़त दे दी। अब, CBSE ने इस छूट को 2025-26 के बाद भी जारी रखने का फैसला किया है।ये नियम इसलिए बनाया गया है ताकि छात्रों को ज़्यादा विकल्प मिल सकें और वे अपनी रुचि और क्षमता के हिसाब से विषय चुन सकें। अगर आपने 10वीं में बेसिक मैथ्स लिया है और अब 11वीं में स्टैंडर्ड मैथ्स पढ़ना चाहते हैं, तो आपको अपने स्कूल के प्रिंसिपल से बात करनी होगी। उन्हें ये सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास ये विषय पढ़ने की काबिलियत और रुचि है।
क्या होता है बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स में फ़र्क – बेसिक मैथ्स का सिलेबस थोड़ा आसान होता है और इसमें वो टॉपिक्स शामिल होते हैं जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में काम आते हैं। वहीं, स्टैंडर्ड मैथ्स में थोड़े ज़्यादा मुश्किल टॉपिक्स होते हैं, जो आगे चलकर उच्च शिक्षा में काम आते हैं। आमतौर पर, बेसिक मैथ्स लेने वाले छात्र आगे चलकर अप्लाइड मैथ्स (Applied Mathematics) लेते हैं, लेकिन अब वे स्कूल की अनुमति से स्टैंडर्ड मैथ्स भी चुन सकते हैं।अगर आप 10वीं में बेसिक मैथ्स लेकर 11वीं में स्टैंडर्ड मैथ्स पढ़ना चाहते हैं, तो आपको अपने स्कूल से संपर्क करना होगा और उनसे अनुमति लेनी होगी। स्कूल आपके अंक और क्षमता को देखकर फैसला लेंगे। ज़्यादा जानकारी के लिए आप अपने स्कूल के प्रिंसिपल या मैथ्स टीचर से बात कर सकते हैं।एक बार जब आपका नाम छात्रों की सूची (List of Candidates – LOC) में दर्ज हो जाता है, तो उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।ये नियम तब तक लागू रहेगा जब तक कि नया पाठ्यक्रम (जो कि NCP-SE के सुझावों पर आधारित होगा) लागू नहीं हो जाता l पहले जारी किए गए सर्कुलर (Acad-03/2019, दिनांक 10 जनवरी 2019) के नियम भी लागू रहेंगे।