
दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का प्रचार इस समय अपने आखिरी हफ्ते में है और इस दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगे हुए हैं। इस बीच एक सवाल लगातार लोगों के दिमाग में आ रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी फिर से सत्ता में आती है, तो क्या मनीष सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) बनाया जाएगा या नहीं?आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस सवाल का जवाब देते हुए जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक सभा में कहा, “अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव जीतती है, तो मनीष सिसोदिया फिर से उपमुख्यमंत्री बनेंगे। वह हमारी सरकार में उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे और उनके साथ आप सभी भी उपमुख्यमंत्री बनेंगे।” मनीष सिसोदिया इस बार पटपड़गंज से नहीं, बल्कि जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। इस दौरान, अरविंद केजरीवाल ने भाजपा नेताओं की आलोचना की और कहा कि वे अपने क्षेत्रों में विकास के रास्ते में रोड़े अटका रहे हैं। साथ ही उन्होंने मतदाताओं से भाजपा को वोट न देने की अपील भी की।
केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया और उनकी पार्टी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा कह रही है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे सभी सरकारी स्कूल बंद कर देंगे। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा, “यह आप पर निर्भर करता है कि आप ‘AAP द्वारा बनाए गए सरकारी स्कूल’ या ‘भा.ज.पा द्वारा बंद किए गए सरकारी स्कूल’ को चुनते हैं।” जंगपुरा में मनीष सिसोदिया ने मतदाताओं से वादा किया कि अगर वह जीतते हैं तो यह जगह एक बदलाव का गवाह बनेगी। उन्होंने कहा, “अगर मैं जंगपुरा से जीतता हूं, तो यहां का हर एक व्यक्ति उपमुख्यमंत्री बनेगा। यहां के लोगों के काम को रोकने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता।” मनीष सिसोदिया को मार्च 2023 में दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने तिहाड़ जेल में करीब 17 महीने बिताए। 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। इस दौरान, सिसोदिया ने यह दावा किया था कि भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया था और यह भी धमकी दी थी कि अगर वह भाजपा में शामिल नहीं हुए तो उन्हें लंबी सजा दी जाएगी। सिसोदिया ने कहा, “भा.ज.पा में शामिल हो जाओ और हम तुम्हें मुख्यमंत्री बना देंगे।” इस बार जंगपुरा में आम आदमी पार्टी को भाजपा और कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है। भाजपा ने तरविंदर सिंह मारवाह को मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने फरहाद सूरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे, और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।