फेरों के बाद दूल्हे बने कैदी, बारात में बाराती बनकर पहुंची पुलिस ने किया गिरफ्तार

राजगढ़: देशभर में बड़ी-बड़ी चोरियों को अंजाम देने वाले कड़िया सांसी गांव के आरोपी पुलिस के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं हैं। इन मामलों में ज़्यादातर बार पुलिस उन तक पहुंच ही नहीं पाती और वो आराम से बच निकलते हैं। अब जब शादी-ब्याह का सीज़न शुरू हुआ है, तो पुलिस ने एक खास प्लान तैयार किया। कड़िया सांसी गांव में हो रही शादियों के दौरान पुलिस ने गांव में निगरानी बढ़ा दी, ताकि शादी में शामिल होने आए आरोपी पकड़े जा सकें। पुलिस की ये तरकीब काम कर गई और उन्होंने चार आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। इनमें से दो तो खुद दूल्हे थे, जिन्हें शादी की रस्में पूरी होने के बाद पकड़ लिया गया। इसके बाद दुल्हनें और बाराती बिना दूल्हे के ही वापस लौटे। शादी के बहाने बिछाया जाल, पुलिस को मिली कामयाबी बोड़ा थाने के कड़िया सांसी गांव के आरोपी लाखों की चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं, लेकिन अक्सर पुलिस की पकड़ से बाहर रहते हैं। अब जब गांव में शादियों का माहौल बना, तो पुलिस को उम्मीद थी कि आरोपी भी घर लौटेंगे। इसी के चलते गांव में करीब 150 पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई। एसडीओपी उपेंद्र भाटी ने बताया कि शादी लड़का-लड़की दोनों की तरफ से गांव में ही थी, इसलिए बाहर से बारात नहीं आई। पुलिस ने मौके का फायदा उठाया और शादी के दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मोहनीश पिता गोपाल सांसी और रोहन पिता गोपाल सांसी की शादी थी, जिन्हें पुलिस ने फेरों के बाद ही पकड़ लिया। पुलिस खुद बाराती बनकर वहां मौजूद रही और जैसे ही रस्में पूरी हुईं, दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
बाकी दो आरोपी रितिक पिता मोहन सांसी और रोहित पिता प्रताप सांसी को भी पुलिस ने शादी के दौरान ही दबोच लिया। सबसे दिलचस्प बात ये रही कि जब दूल्हों को पुलिस पकड़कर ले गई, तो दुल्हनें और बाराती बिना दूल्हों के ही घर पहुंचे। जो दिखा, उससे पूछताछ और आधार की जांच पुलिस इस मौके का पूरा फायदा उठाने में जुटी है। अफसरों को पता है कि अगर अब नहीं पकड़ा, तो फिर इन आरोपियों तक पहुंचना और मुश्किल हो जाएगा। इसी वजह से जो भी गांव में नजर आ रहा है, पुलिस उसका नाम, पहचान और आधार तक चेक कर रही है। 24 घंटे की निगरानी, दो शिफ्टों में 75-75 जवानों की ड्यूटी कड़िया सांसी गांव में चोरियों की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां 97 स्थाई गिरफ्तारी वारंट, 78 लंबित केस और 25 इनामी आरोपियों के मामले दर्ज हैं। यही वजह है कि पुलिस ने गांव में दो शिफ्टों में 75-75 पुलिसवालों को तैनात किया है। हर शिफ्ट 12-12 घंटे की है, जिसमें टीआई से लेकर आरक्षक तक सभी शामिल हैं। इस ऑपरेशन की ज़िम्मेदारी ब्यावरा और नरसिंहगढ़ के एसडीओपी को सौंपी गई है। जब तक शादियों का सीज़न चलता रहेगा, तब तक पुलिस कैंप गांव में बना रहेगा।