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एमपी में गर्मी ने दी दस्तक, जानिए 28 जिलों का मौसम अपडेट

मध्य प्रदेश में तापमान बढ़ा, फसलों और सेहत पर असर

दिन के साथ अब रातें भी गर्म होने लगीं

भोपाल। प्रदेश में पश्चिमी हवाओं के चलते अब न सिर्फ दिन में बल्कि रात के तापमान में भी इजाफा हो रहा है। फरवरी के शुरुआती 10 दिनों में पचमढ़ी, नर्मदापुरम, इंदौर और धार में रविवार रात न्यूनतम तापमान 17°C दर्ज किया गया। वहीं, सोमवार को रतलाम, मंडला और सिवनी में अधिकतम तापमान 33°C तक पहुंच गया।

  • प्रदेश के 28 जिलों में दिन का अधिकतम तापमान 30°C से ज्यादा दर्ज किया गया।
  • तापमान में इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह ईरान में बना पश्चिमी विक्षोभ और राजस्थान में बना प्रेरित चक्रवात है। इसके चलते हवाओं का रुख बदल गया है।

प्रमुख शहरों का तापमान (डिग्री सेल्सियस में)

शहर अधिकतम न्यूनतम
भोपाल 31.4 14.2
इंदौर 30.4 17.2
ग्वालियर 29.1 10.0
जबलपुर 30.6 12.0

फसलें समय से पहले पकने लगीं, किसान परेशान

रायसेन। फरवरी की शुरुआत से ही तापमान में अचानक तेजी आने लगी है। इस समय अधिकतम तापमान 32°C तक पहुंच चुका है, जो सामान्य से ज्यादा है। इस असामान्य गर्मी की वजह से फसलों में फोर्स मैच्योरिटी (समय से पहले पकने) की संभावना बढ़ गई है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है।

  • रायसेन जिले में धान की फसल के कारण रबी की बुआई पहले ही देरी से हुई थी, ऐसे में समय से पहले गर्मी आना फसलों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • रात में हल्की ठंड बनी हुई है, लेकिन दिन के तापमान में लगातार वृद्धि किसानों की चिंता बढ़ा रही है।
  • मिट्टी से नमी तेजी से खत्म हो रही है, जिससे फसलों को अधिक पानी की जरूरत पड़ेगी और सिंचाई पर ज्यादा ध्यान देना होगा।

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ सकता है, जिससे फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।


सेहत पर भी पड़ रहा असर

गर्मी का असर सिर्फ फसलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इंसानों की सेहत पर भी खतरा बढ़ गया है।

  • चिकित्सकों का कहना है कि तेजी से बढ़ते तापमान के कारण वायरल और मौसमी बीमारियां बढ़ सकती हैं।
  • गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

गेहूं की फसल

  • गभोट व बाली निकलने की अवस्था: एनपीके 18:18:18 या 19:19:19 (1 किग्रा) को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
  • बालियों में दाना पड़ने की अवस्था: एनपीके 0:52:34 या 0:0:50 (1 किग्रा) को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

चना और मसूर की फसल

  • उकठा रोग से बचाव (पौधों के सूखने पर नियंत्रण): 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी को 10-12 तगाड़ी गोबर खाद में मिलाकर खेतों में डालें।
  • इल्ली नियंत्रण (चना): प्रोफेनोफॉस 50 ईसी या क्विनालफॉस 25 ईसी (1.5 लीटर/हेक्टेयर) का छिड़काव करें।
  • माहू नियंत्रण (मसूर व तिवड़ा): इमिडाक्लोप्रिड या एसीटामिप्रिड (125 ग्राम/हेक्टेयर) का छिड़काव करें।

सरसों की फसल

  • पत्तियों और तनों पर सफेद पाउडर दिखने पर: मैन्कोजेब 75% (1 किग्रा) को 500-600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

किसान बढ़ते तापमान को देखते हुए समय पर दवाओं और उर्वरकों का उपयोग करें, ताकि फसल को नुकसान से बचाया जा सके।


फरवरी में ऐसे बढ़ा तापमान

तारीख अधिकतम (°C) न्यूनतम (°C)
01 फरवरी 28 13
02 फरवरी 29 10
03 फरवरी 32 15
04 फरवरी 32 11
05 फरवरी 26 14
06 फरवरी 26 11
07 फरवरी 23 10
08 फरवरी 27 09
09 फरवरी 30 11
10 फरवरी 32 11

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ने की संभावना है, जिससे किसानों को अपनी फसलों की अतिरिक्त देखभाल करनी होगी।

मध्य प्रदेश के ताजा मौसम अपडेट के लिए जुड़े रहें।

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