“रायपुर में महिला कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: पुलिस की रोकावट पर हुई झूमाझटकी, मंच से उभरी तीखी टिप्पणी”
रायपुर : हाल ही में रायपुर में महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर आयोजित इस धरना-प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महिला कांग्रेस की प्रमुख सदस्य शामिल हुईं। मंगलवार को हुई इस घटना के दौरान, कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस के बीच तीखी झड़पें और धक्कामुक्की देखने को मिली।
प्रदर्शनकारियों की अगुवाई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलो देवी नेताम ने की। विरोध प्रदर्शन का लक्ष्य मुख्यमंत्री निवास को घेरना था, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इस दौरान महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई।
प्रदर्शन की शुरुआत पुराने कांग्रेस भवन के सामने सैकड़ों की संख्या में महिलाओं के जुटने से हुई, जिनमें कई कार्यकर्ता दुष्कर्म पीड़िता के रूप में भी शामिल थीं। इसके बाद, महिलाओं का काफिला राजीव चौक से मुख्यमंत्री हाउस की ओर बढ़ा, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया।
कांग्रेस ने इस धरना-प्रदर्शन के जरिए सरकार की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में विफलता की आलोचना की। कांग्रेस ने 11 सितंबर को पूरे प्रदेश में प्रेस वार्ता करने और 12 सितंबर को जिला मुख्यालयों में भाजपा सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है। इन दोनों कार्यक्रमों के लिए कांग्रेस संगठन में व्यापक तैयारी चल रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार की कमियों को लेकर पहले ही कई सांसद और विधायकों ने जुमला पत्र भेजे हैं, जिनका समाधान नहीं किया गया। सरकार की अपराध और सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि मांगे पूरी नहीं की गईं तो वे और भी कड़े कदम उठाएंगे।
कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हाल ही में बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश में सीमेंट के दामों में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ने 50 रुपये प्रति बोरी सीमेंट के दाम क्यों बढ़ाए, जबकि प्रदेश में रॉ मटेरियल की कोई कमी नहीं है और बिजली भी यहीं उत्पन्न होती है।
कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन न केवल महिला सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करने के लिए था, बल्कि यह सरकार की अन्य नीतियों और योजनाओं की विफलता पर भी सवाल उठाने का एक प्रयास था। इस प्रदर्शन के माध्यम से कांग्रेस ने प्रदेश में बढ़ते अपराध, महंगाई और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
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