छत्तीसगढ़

धरती पर उपलब्ध है 71 प्रतिशत जल, पीने योग्य है केवल तीन प्रतिशत

 

धमतरी । वर्तमान में जल के अत्यधिक दोहन से होने वाली समस्या को लेकर लगातार स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में जनजागरुकता के कार्यक्रम हो रहे हैं। इसी क्रम में जिला प्रशासन की पहल पर रासेयो कार्यक्रम अधिकारी की अगुवाई में ग्राम खरेंगा में साेमवार काे जल संरक्षण को लेकर कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

जिला प्रशासन व जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशन में जल का संवर्धन व संरक्षण के लिए जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत जल शक्ति केंद्रों का भ्रमण छात्र-छात्राओं को कराया जा रहा है। इसी क्रम मे रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डा गणेश प्रसाद साहू ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोथली के छात्र व छात्राओं को भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षक केवल कृष्ण निर्वाण ने बताया कि जल शक्ति अभियान की शुरुआत 2019 में प्रारंभ की गई। 71 प्रतिशत धरती पर जल है व पीने योग्य जल मात्र तीन प्रतिशत है। यदि जल संकट से निपटना है तो वर्षा जल को संरक्षित करना होगा। बहते हुए पानी का उपयोग बागवानी पौधों के लिए करना होगा। कुआं, बावली, तालाब, नदी, नहर को भी संरक्षण करना होगा। विभिन्न चित्र, चार्ट व कहानियों के माध्यम से पानी के संरक्षण और संवर्धन की जानकारियां दी गई। विभिन्न प्रकार के माडल द्वारा दूषित जल को शुद्ध कर पुनः उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया गया।

भूमि का जल स्रोतों को बढ़ाने के लिए फसल चक्र अपनाने और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया गया। विभिन्न प्रश्नों व उत्तर के माध्यम से विद्यार्थी काफी लाभान्वित हुए। कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. गणेश साहू ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर आयोजित कार्यक्रम काफी सराहनीय व प्रेरणाप्रद एवं लाभकारी है। प्रत्येक व्यक्ति को इसकी जानकारी होनी चाहिए ताकि भविष्य में जल की कमी ना हो, पानी की रक्षा, देश की सुरक्षा, जल चक्र के चरण वाष्पीकरण , संघनन, वर्षा, संग्रहण को विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर प्राचार्य सयोगिनी रामटेके, छबिराम,ओमेश, पवन राज, नैतिक ,गुलशन कुमार, शेष पटेल, खुशाल सेन, विष्णु, ललिता, उपासना सहित अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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