उत्तराखण्ड

साइबर अटैक से उबरा उत्तराखंड, सभी सरकारी साइट्स अब सुचारू रूप से शुरू

देहरादून। साइबर क्राइम दुनिया के लिए चुनौती बन गया है। पिछले दिनों उत्तराखंड में साइबर अटैक से पूरा सरकारी सिस्टम हिल गया था। राज्य में यह पहला साइबर अटैक था। इससे निपटने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद ली जा रही है। हालांकि अब सभी सरकारी विभागों के साइट्स सुचारू रूप से शुरू हो गए हैं। सभी डाटा सुरक्षित है। गनीमत है कि साइबर अटैक से कोई नुकसान नहीं हुआ है।
पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे व पुलिस उप महानिरीक्षक एसटीएफ सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस ने प्रदेश में हुए साइबर अटैक के संबंध में कोर्ट रोड स्थित सरदार पटेल भवन पर मंगलवार काे पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि साइबर अटैक मामले में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। दो मेल आईडी मिली हैं, जांच चल रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि गत 2 अक्टूबर को दोपहर 2:45 से 2:55 बजे के बीच सीसीटीएनएस कार्यालय में थाने से प्रेषित सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से संबंधित शिकायतों का निस्तारण टेक्निकल टीम कर रही थी। उसी समय सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट ने काम करना बंद कर दिया। अन्य सिस्टम पर चेक किया गया तो कोई भी सिस्टम काम नहीं कर रहा था। इस संबंध में आईटीडीए से जानकारी की गई तो आईटीडीए के सर्वर पर हैकिंग संबंधी मैसेज (नोट पैड) में सर्वर के प्रत्येक फोल्डर में प्रदर्शित हो रहा था, जिसमें संपर्क करने के लिए मेल आईडी दी गई थी और भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराए जाने से संबंधित मैसेज लिखा था। इस संबंध में साइबर क्राइम पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया है।अधिकारियाें ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ को आवश्यक निर्देश दिए। इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने एक स्पेशल टीम का गठन किया। इसमें पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक विकास भारद्वाज, उपनिरीक्षक राजीव सेमवाल, हेड कांस्टेबल संदेश यादव, कांस्टेबल कादर खान शामिल किए गए। एसटीएफ की साइबर थाने की टीम ने विभिन्न डिजिटल लॉग, साक्ष्य संरक्षित करने की प्रणाली एवं वायरस की फाइल को सफलतापूर्वक रिकवर कर लिया है। साथ ही प्रांरभिक विश्लेषण में वायरस आने का तकनीकी कारण भी विवेचना में सम्मिलित किया जा रहा है। जो तकनीकी उपकरण की वर्चुअल मशीन है उसकी फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए कॉपी भेजी जाएगी। आईटीडीए के साइबर विश्लेषकों के साथ वर्तमान साइबर ढांचे को सफलतापूर्वक सुदृढ़ कर लिया गया है। एसटीएफ टीम ने आईटीडीए के कर्मियों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित कर हो सकने वाली हानि को रोक दिया है। भविष्य के लिए इस प्रकार के वायरस के आने के कारण को ढूंढकर सूचना प्रौद्यौगिकी प्रणाली को बेहतर करने में सहायता मिलेगी।
केंद्रीय एजेंसियों की ली गई मदद
मामले की जटिलता को देखते हुए भारत की विभिन्न केंद्रीय एजेंसी गृह मंत्रालय, एनआईए, सीईआरटी-आईएन, एनसीआईआईपीसी आदि से समन्वय स्थापित कर उनकी टीम भी सहयोग के लिए मौके पर पहुंची है। इनकी से अब सभी सरकारी साइट्स सुचारू रूप से शुरू हो गए हैं।

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