छत्तीसगढ़

स्वामी आत्मानंद स्कूल में आधे सत्र के बाद भी शिक्षक नियुक्ति की कमी, तीन दर्जन छात्रों ने लिया स्थानांतरण

रायपुर :  जिले के नगर पंचायत जरहागांव स्थित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में शिक्षक नियुक्ति की गंभीर समस्या सामने आई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ पालकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि आधे सत्र के बीत जाने के बावजूद यहां अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ा है। अभिभावकों का कहना है कि इस स्थिति के कारण लगभग तीन दर्जन छात्रों ने टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) लेकर स्कूल छोड़ दिया है, और यहां की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।

स्वामी आत्मानंद स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक 212 छात्रों का नामांकन है, लेकिन शिक्षक की कमी के कारण न तो हाई स्कूल और न ही हायर सेकेंड्री स्कूल में एडमिशन हो पा रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष वेदप्रकाश ने बताया कि उन्होंने जनदर्शन के माध्यम से शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। अब वे मुख्यमंत्री जनदर्शन में जाकर अपनी गुहार लगाने की योजना बना रहे हैं।

डीईओ की स्थिति पर बयान

डीईओ सी के धृतलहरे ने इस मुद्दे पर कहा कि पिछले सत्र में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया चुनावी आचार संहिता के कारण रुक गई थी। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है। हालांकि, अभिभावकों ने इस बात पर सवाल उठाया है कि हिंदी माध्यम के 2-3 शिक्षकों को यहां अटैच किया गया है, जबकि इंग्लिश माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

हिंदी माध्यम स्कूल में भी समस्याएं

जरहागांव में स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल की स्थिति भी चिंताजनक है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामचंद साहू ने कहा कि यहां पहले से ही 1ली से 12वीं तक सरकारी स्कूल संचालित हैं, जिसे स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल के रूप में मर्ज किया जाना था। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि इस मर्ज के बाद न तो संसाधनों में बढ़ोत्तरी हुई है और न ही स्कूल की सेटअप में कोई सुधार हुआ है।

अभिभावकों और स्थानीय नेताओं के आरोप और शिकायतें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि शिक्षा विभाग की ओर से गंभीर समस्याओं का समाधान समय पर नहीं किया जा रहा है, जिससे छात्रों की पढ़ाई और भविष्य पर संकट उत्पन्न हो गया है।

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