
चंडीगढ़: लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जहां सभी राजनीतिक पार्टियां जुटी हैं, वहीं उससे पहले पंजाब में पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव हो सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग ने इन चुनावों को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। माना जा रहा है कि मई के बीच में पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव कराए जा सकते हैं। सरकार ने भी इस बारे में हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है कि 31 मई से पहले चुनाव पूरे कर लिए जाएंगे। करीब 1.30 करोड़ लोग डालते हैं वोट पंचायत समितियों और जिला परिषदों का कार्यकाल सितंबर 2023 में खत्म हो गया था। तब से अब तक पंजाब सरकार ने इन चुनावों को नहीं करवाया। इसको लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर की गई थीं। इसके बाद सरकार ने कोर्ट को हलफनामा देकर भरोसा दिया कि 31 मई से पहले चुनाव करा लिए जाएंगे। इस चुनाव में तकरीबन 1.30 करोड़ वोटर हिस्सा लेते हैं। हर जिले के ग्रामीण इलाकों में एक जिला परिषद होती है, जबकि पंचायत समितियों की संख्या 158 के करीब है।
पार्टी के चुनाव चिन्हों पर लड़े जाते हैं ये चुनाव चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गेहूं की फसल की कटाई और स्कूलों की परीक्षाएं खत्म होते ही कभी भी इन चुनावों का ऐलान हो सकता है। ये चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चिन्हों पर लड़े जाते हैं और जाहिर है कि हर पार्टी इन चुनावों में अपनी पूरी ताकत लगाएगी। गांवों में पकड़ बनाने के लिए अहम हैं ये चुनाव ये चुनाव इसलिए भी खास माने जाते हैं क्योंकि जिन पार्टियों का पंचायत समिति और जिला परिषद में दबदबा रहता है, उनकी गांव-देहात में पकड़ मज़बूत मानी जाती है। हालांकि, लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव फिलहाल सभी राजनीतिक दलों का मुख्य फोकस बना हुआ है, लेकिन इसकी तारीख का ऐलान अब तक नहीं हुआ है। ये सीट विधायक गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद खाली हुई थी। चुनाव आयोग को 10 जुलाई से पहले यह उपचुनाव कराना है, लेकिन सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पहले ही कमर कस चुकी है और अपने उम्मीदवार की घोषणा भी कर चुकी है।