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साइबर अपराधियों की पहली पसंद बना टेलीग्राम, ठगी के लिए हो रहा बड़ा इस्तेमाल

ग्वालियर: साइबर ठगी में टेलीग्राम बना नया हथियार, बैंक खाते से लेकर करोड़ों की ठगी तक इस्तेमाल ग्वालियर में बढ़ती साइबर ठगी के मामलों की जांच में खुलासा हुआ है कि जालसाज सबसे ज्यादा टेलीग्राम एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी हो, ऑनलाइन रेटिंग देकर पैसा कमाने का झांसा हो या नए निवेश का लालच देकर ठगी – हर जगह टेलीग्राम एप ही इनका बड़ा जरिया बन चुका है।

बैंक खाते तक बिक रहे, पैसे क्रिप्टोकरंसी में बदलकर विदेश भेजे जा रहे

सिर्फ ठगी ही नहीं, बल्कि इस एप के जरिए बैंक खाते तक बेचे जा रहे हैं। ठगी से मिली रकम को क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए यूएसडीटी (डॉलर जैसा डिजिटल टोकन) और दूसरी क्रिप्टोकरंसी में बदलकर चीन तक भेजा जा रहा है। इसी को देखते हुए अब ग्वालियर पुलिस ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को पत्र लिखकर टेलीग्राम एप को बैन करने की सिफारिश करने का फैसला किया है।

कैसे बना टेलीग्राम एप ठगी का गेटवे?

टेलीग्राम पर देश-विदेश के ठगों और बैंक अकाउंट बेचने वाले गिरोहों ने कई ग्रुप बना रखे हैं। इन ग्रुप में लोगों को जोड़कर उन्हें नौकरी या काम दिलाने के नाम पर सबसे ज्यादा ठगा जा रहा है। ठग बैंक अकाउंट खरीदते हैं और उसमें जमा रकम को कई खातों में ट्रांसफर करते हैं, जिससे पैसों का ट्रैक पकड़ना मुश्किल हो जाता है। ग्वालियर पुलिस की साइबर क्राइम विंग की जांच में पता चला है कि पिछले एक साल में टेलीग्राम एप के जरिए 51 ठगी के मामले दर्ज किए गए। इनमें नौकरी, इन्वेस्टमेंट और ऑनलाइन टास्क के नाम पर सबसे ज्यादा लोगों को शिकार बनाया गया।

टेलीग्राम एप बना साइबर ठगी का मास्टरमाइंड, बड़े केस हुए सामने

1. मेडिकल छात्रा से 44.11 लाख की ठगी

ग्वालियर की एमबीबीएस छात्रा मेघना चौहान को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। पहले उसे होटल की रेटिंग देने का काम दिया गया, जहां उसे 200 रुपये का मुनाफा भी दिखाया गया। लेकिन बाद में जालसाजों ने 44 लाख 11 हजार 363 रुपये ठग लिए।

2. बीएसएफ इंस्पेक्टर से 70.24 लाख की ठगी

बीएसएफ टेकनपुर अकादमी में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद को डिजिटल अरेस्ट करके 70.24 लाख रुपये की ठगी की गई। जांच में पता चला कि ठगी की गई रकम का 29 हजार रुपये कोटा के अंकित वर्मा के खाते में ट्रांसफर हुआ था। जब पुलिस ने अंकित वर्मा को पकड़ा, तो उसने खुलासा किया कि उसके दो साथी अखिल सिंह (दिल्ली) और आफताब अहमद (झारखंड) भी इस रैकेट में शामिल थे। इन्होंने टेलीग्राम एप के जरिए चीनी गिरोह को बैंक अकाउंट बेचे। इस गिरोह ने ठगी की रकम का 6% कमीशन काटकर यूएसडीटी क्रिप्टोकरंसी खरीदी और उसे चीन में बैठे अपने आकाओं के बताए गए पे-वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया।

ग्वालियर पुलिस की बड़ी तैयारी, टेलीग्राम पर लगेगा बैन?

ग्वालियर पुलिस के मुताबिक, टेलीग्राम एप साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा ठिकाना बन चुका है। इसीलिए अब इसे प्रतिबंधित करने के लिए I4C को पत्र लिखा जाएगा। अगर आप भी ऑनलाइन नौकरी, निवेश या रेटिंग जैसे लालच में फंस रहे हैं, तो सतर्क रहें और टेलीग्राम ग्रुप्स पर भरोसा करने से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल कर लें।

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