सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी ‘कारण बताओ नोटिस’ पर रोक लगा दी। इस फैसले से गेमिंग इंडस्ट्री को अस्थायी राहत मिली है। कोर्ट ने यह आदेश दिया कि डीजीजीआई द्वारा जारी किए गए सभी नोटिसों पर आगे की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, और इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।
शेयर बाजार में कंपनियों के शेयरों में तेजी – सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, डेल्टा कॉर्प और नाजारा टेक जैसी गेमिंग कंपनियों के शेयरों में 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई। यह राहत इन कंपनियों के लिए एक बड़ी सकारात्मक खबर साबित हो सकती है और पूरे गेमिंग सेक्टर के लिए भी यह एक अच्छा संकेत है।
ई-गेमिंग फेडरेशन की प्रतिक्रिया – ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) के सीईओ, अनुराग सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “यह निर्णय गेमिंग ऑपरेटर्स और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद है। ऑपरेटर्स अब बिना किसी दबाव के काम कर सकेंगे, और सरकार को भी अपनी समयसीमा बढ़ाने का मौका मिलेगा। हम इस मुद्दे का निष्पक्ष और विकासात्मक समाधान चाहते हैं, जिससे गेमिंग सेक्टर में निवेश और रोजगार में वृद्धि हो और इससे पूरे उद्योग को लाभ पहुंचे।”
डीजीजीआई के नोटिस और आरोप – डीजीजीआई ने 2023 में गेमिंग कंपनियों को 71 नोटिस भेजे थे, जिसमें इन पर 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी की चोरी करने का आरोप था। विभाग को कर मांग के 100 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने का अधिकार था, जिससे कुल देयता 2.3 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती थी। अगस्त 2023 में, जीएसटी परिषद ने एक बड़ा बदलाव किया था, जिसमें दांव लगाने वाले सभी ऑनलाइन गेम्स पर, चाहे वह स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड, 28 प्रतिशत जीएसटी दर लागू करने का फैसला लिया। यह नया नियम 1 अक्टूबर 2023 से लागू हुआ था।