टेक्नोलॉजी में इनोवेशन नई संभावनाओं का द्वार खोलती है : नितिन गडकरी
केन्द्रीय मंत्री गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सड़क और पुल निर्माण पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का किया शुभारंभ
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में शनिवार से “सड़क और पुल निर्माण में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों” पर केंद्रित दो दिवसीय सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में सड़क और पुल निर्माण की गुणवत्ता को और बेहतर करने के उद्देश्य से देशभर के विशेषज्ञों का मंथन शुरू हो चुका है। इस सेमिनार के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी राजधानी भोपाल पहुंचे। नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सेमिनार का शुभारंभ किया।
सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि टेक्नोलॉजी में इनोवेशन नई संभावनाओं का द्वार खोलती है। उन्हाेंने सरकारी विभागों में तालमेल की कमी को लेकर भी तंज कसा। उन्हाेंने इंजीनियर्स से कहा कि विभाग का मंत्री होने के नाते अच्छे काम का क्रेडिट हमें मिलता है लेकिन जब सड़क पर गड्ढे होते हैं तो डिसक्रेडिट भी मिलता है। सोशल मीडिया में लोग हमें ठोंकते हैं। आगे-पीछे कुछ नहीं देखते। गलत डीपीआर बनाने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि एक-एक को पद्मश्री और पद्म भूषण मिलना चाहिए। इतने गंदे काम हो सकते हैं इंजीनियरिंग प्वाइंट ऑफ व्यू से सोचिए जरा। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा कि आप अपने यहां इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों से कहो कि ये डीपीआर चेक करो। उनका अनुभव भी बढ़ेगा और क्रॉस चेक भी होगा।
गडकरी ने कहा कि मैं वेस्ट मैनेजमेंट में विश्वास रखता हूं। नो मैटेरियल इज वेस्ट एंड नो पर्सन इज वेस्ट। यह टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और लीडरशिप पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी में इनोवेशन नई संभावनाओं का द्वार खोलती है। उन्हाेंने सरकारी विभागों में तालमेल की कमी को लेकर भी तंज कसा। उन्हाेंने कहा कि हमारे रूल ऑफ बिजनेस में लिखा है- एक अधिकारी को दूसरे से बात नहीं करना। चर्चा नहीं करना। रेलवे अलग ब्रिज बना रहा है। हम अलग बना रहे हैं। तीसरा और चौथा कोई और बना रहा है। प्रधानमंत्री बोलते थे-ये साइरोल में चलता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का देश के लिए योगदान है कि उन्होंने जो गति शक्ति सॉफ्टवेयर का प्लेटफॉर्म खड़ा किया अब इसके कारण हम सब समझ जाते हैं।
गडकरी ने कहा कि 40 प्रतिशत पॉल्यूशन रोड वाले करते हैं। हमें गंभीरता से सोचना चाहिए। जो पेड़ ऑक्सीजन ज्यादा छोड़ते हैं उन्हें लगाइए। हमने 70 हजार पेड़ ट्रांसप्लांट किए। आप भी ग्रीन हाइवे बनाइए। अपने ध्यान में गलती आए तो उसे स्वीकार करो और सुधार करो। मैं अक्सर कहता हूं कि अमेरिका में अच्छी सड़कें इसलिए नहीं है क्योंकि अमेरिका अमीर है, बल्कि इसलिए अमेरिका अमीर है क्योंकि वहां अच्छी सड़कें हैं। गडकरी ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश के नगर निगमों, नगरपालिका निगमों और पूरे देश में जो भी कचरा है, उसे उठाकर ठीक से सेग्रीगेट करें और उसका उपयोग सड़कों के निर्माण में करें। इस प्रक्रिया से न केवल सड़कों का निर्माण होगा, बल्कि यह इकोलॉजी और एनवायरमेंट को भी प्रोटेक्ट करेगा।
उल्लेखनीय है कि सेमिनार में सड़क और पुल निर्माण की नई तकनीक, सामग्री और एग्रीमेंट प्रोसेस से जुड़े पहलुओं पर एक्सपर्ट्स अपने अनुभव और सुझाव साझा कर रहे हैं। यहां एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें सड़क और पुल निर्माण में लगने वाली नई मशीनरी समेत अन्य सामग्री का प्रदर्शित की गई हैं। सेमिनार में विभिन्न तकनीकी-सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें देशभर से आए हुए विशेषज्ञ नई तकनीकों, निर्माण सामग्रियों और ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) एग्रीमेंट प्रक्रिया की चुनौतियों पर अपने विचार रखेंगे।