
आपने शायद दा सुहागन के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये छोटा सा पौधा कितना शक्तिशाली है? यह पौधा, जिसे सदाबहार भी कहते हैं, सदियों से आयुर्वेद में इस्तेमाल होता आ रहा है। यह न केवल शुगर, अस्थमा जैसी बीमारियों में मदद करता है, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने में भी बहुत कारगर है। बिहारी सतसई की वो मशहूर पंक्ति “देखन में छोटन लगे…” दा सुहागन के छोटे-छोटे, सफेद और गुलाबी फूलों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। यह पौधा छज्जे या सड़क के किनारे आसानी से उग जाता है, और इसके अनगिनत फायदे इसे आयुर्वेद में एक खास जगह दिलाते हैं। जैसे इसका नाम है, वैसे ही इसका स्वभाव भी है। सदाबहार साल के हर महीने, चाहे सर्दी हो, गर्मी हो, बरसात हो या बसंत, खिलता रहता है। यह पौधा शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से लड़ने में बहुत मददगार है। आयुर्वेद के जानकार कहते हैं कि सुबह खाली पेट इसकी पत्तियां खाने से कई फायदे मिलते हैं। पंजाब के बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर प्रमोद आनंद तिवारी बताते हैं कि सदाबहार की पत्तियां औषधीय गुणों से भरी होती हैं, और इसे आयुर्वेद में सदापूषा भी कहते हैं।
शुगर और अस्थमा में राहत – सदाबहार की जड़ें इंसुलिन बनाने में मदद करती हैं, जिससे शुगर के मरीजों को राहत मिलती है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियंत्रित रहता है। डॉक्टर तिवारी कहते हैं कि सुबह खाली पेट इसकी पत्तियां खाने से न केवल शुगर कंट्रोल होता है, बल्कि अस्थमा के मरीजों को भी काफी आराम मिलता है। सदाबहार में एल्कलॉइड नामक तत्व होता है जो इंसुलिन बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल कई दवाइयाँ बनाने में भी किया जाता है। अगर आपका रक्तचाप अक्सर गड़बड़ रहता है, तो सदाबहार की 4-5 पत्तियां खाना बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं और इम्यूनिटी भी बढ़ाते हैं।तो, दा सुहागन एक ऐसा पौधा है जो न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसे अपने जीवन में शामिल करना भी बहुत आसान है। इसके अनगिनत फायदों के साथ, यह पौधा आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत मदद कर सकता है।