दिल्ली के कई इलाकों में राहत, AQI 300 से नीचे पहुंचा
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह हल्का कोहरा दिखाई दिया। घना कोहरा न होने की वजह से हाईवे पर वाहनों को भी कम परेशानी हुई। वहीं, अगर एक्यूआई की बात करें तो आज दिल्ली के इलाकों में AQI 300 से नीचे ही रहा है।
एक्यूआईसीएन के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब सात बजे सिर्फ आनंद विहार का एक्यूआई सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। आनंद विहार का एक्यूआई 379 दर्ज किया गया है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी ग्रेप-4 के तहत सभी प्रतिबंधों के बीच स्कूल खोलने पर विचार करने की सलाह दी। आइए आपको बतात दें कि आज दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में कितना एक्यूआई रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार सुबह ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जो पिछले सप्ताह की ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता से थोड़ा बेहतर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सुबह 7 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 382 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई हुई है, क्योंकि कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। इस बीच, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास धुंध के बीच ट्रेनों की आवाजाही जारी रही। पिछले सप्ताह महानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 4-5 दिनों तक ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में रहा।
बता दें कि 0-50 के बीच का AQI अच्छा माना जाता है, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401-500 गंभीर माना जाता है।
वहीं, इससे पहले सोमवार को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी स्कूलों को CAQM के आदेश का पालन करने के निर्देश जारी किए थे। सीएक्यूएम के आदेश में कहा गया है, “एनसीआर में राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि 12वीं कक्षा तक की सभी कक्षाएं ‘हाइब्रिड’ मोड में संचालित की जाएं, यानी, “भौतिक” और “ऑनलाइन” दोनों मोड में, जहां भी एनसीटी दिल्ली और एनसीआर में गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिलों के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में ऑनलाइन मोड संभव है।”
सीएक्यूएम के आदेश के अनुपालन में, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रमुखों के साथ-साथ एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित करने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
यह निर्णय एमसी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट के 25 नवंबर के आदेश के बाद आया है, जिसमें सीएक्यूएम को शिक्षा पर उनके प्रभाव के मद्देनजर जीआरएपी प्रतिबंधों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने कई चिंताओं को उठाते हुए शिक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सबसे पहले, न्यायालय ने कहा, “स्कूल और आंगनवाड़ी बंद होने के कारण बड़ी संख्या में छात्र मध्याह्न भोजन की सुविधा से वंचित हो रहे हैं।” इसमें आगे कहा गया, “बड़ी संख्या में छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा का लाभ उठाने की सुविधा नहीं है। कई शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने की सुविधा नहीं है।” इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने कहा, “कई छात्रों के घरों में एयर प्यूरीफायर नहीं हैं, और इसलिए, घर पर बैठे बच्चों और स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच कोई अंतर नहीं हो सकता है।