
पंजाब को मिली बड़ी राहत: बाढ़ से उबरने के लिए केंद्र से मिले 240 करोड़!
केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: बाढ़ पीड़ितों के लिए 240 करोड़ की मदद!-केंद्र सरकार ने पंजाब के लिए एक बहुत अच्छी खबर जारी की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए, पंजाब को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF) के तहत 240 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त मिली है। यह पैसा खास तौर पर हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने और राहत के कामों को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए दिया गया है। इसी के साथ, हिमाचल प्रदेश को भी 198 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मिली है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस पैसे का इस्तेमाल SDRF और NDRF के तय नियमों के मुताबिक ही होगा, ताकि जरूरतमंदों तक मदद जल्द से जल्द पहुंच सके।
तुरंत मिले पैसा: RBI को दिए गए खास निर्देश!-केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को तुरंत यह राशि पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के खातों में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपदा के समय राहत और बचाव के कामों में कोई भी देरी न हो। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह कदम उठाया गया है। इस व्यवस्था से पंजाब और हिमाचल जैसे राज्यों को किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय तुरंत जरूरी संसाधन मिल पाएंगे, जिससे लोगों को जल्दी राहत पहुंचाई जा सकेगी।
पंजाब की धरती पर बाढ़ का कहर: किसानों पर टूटा आफत!-पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने सिर्फ सड़कों और घरों को ही नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि खेती-बाड़ी को भी भारी चोट पहुंचाई है। बाढ़ के पानी के साथ आई गाद (सिल्ट) ने खेतों की उपजाऊ मिट्टी को ढक लिया है, जिससे किसानों के लिए दोबारा खेती करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसी वजह से पंजाब सरकार ने केंद्र से और अधिक मदद की गुहार लगाई है। पंजाब के कृषि मंत्री, गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि कई जिलों में किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
किसानों की उम्मीद: 151 करोड़ की मांग, ताकि खेत फिर से उपजाऊ बनें!-पंजाब के कृषि मंत्री, गुरमीत सिंह खुड्डियां ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत 151 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता मांगी है। उनका कहना है कि यह पैसा पंजाब के उन सीमावर्ती जिलों में बहुत काम आएगा जहाँ खेतों में बाढ़ की गाद जम गई है। उन्होंने नई दिल्ली में रबी सीजन की फसलों पर आयोजित एक कृषि सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने यह मुद्दा उठाया। उनका मानना है कि अगर यह मदद समय पर मिल जाती है, तो किसान अपने खेतों को साफ करके फिर से खेती शुरू कर पाएंगे और उनकी आजीविका फिर से पटरी पर आ सकेगी।




