
जींद। जेल से तीन दिन पहले छीना-झपटी के केस में सज़ा काट रहा एक कैदी फरार हो गया था। इस मामले में अब जेल स्टाफ पर कार्रवाई शुरू हो गई है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में जेल प्रशासन ने मुख्य वार्डन सुभाष और नरेंद्र को सस्पेंड कर दिया है।
8 अप्रैल को दोनों ही वार्डन की ड्यूटी थी। उस दिन उन्होंने लापरवाही करते हुए कैदी राकेश उर्फ काकू को जेल के उस हिस्से में अकेले भेज दिया था, जहां काम चल रहा था। उसे हाई मास्ट लाइट ठीक करने के लिए भेजा गया था। वहां मौजूद सीढ़ी का इस्तेमाल करके वह दीवार चढ़कर फरार हो गया। इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने जांच के आदेश दिए थे।
कैदी पर पहले से ही कई केस दर्ज थे
राकेश उर्फ काकू, जो पंजाब के संगरूर जिले के बनारसी गांव का रहने वाला है, एक जनवरी 2015 को खनौरी थाने में छीना-झपटी और हथियार रखने के केस में पकड़ा गया था। इस केस में उसे पंजाब की अदालत ने तीन साल की सज़ा सुनाई थी, जिसे वो काट रहा था। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में उस पर करीब 21 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें रोहतक में सीआईए में तैनात एक पुलिसकर्मी को गोली मारने का केस भी शामिल है।
तीन जून 2022 को जींद पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान उसे गिरफ्तार किया था और तब से वो जींद जेल में बंद था। हरियाणा में उस पर 14 केस विचाराधीन हैं, जिनमें हत्या की कोशिश, हथियार रखने, डकैती, लूटपाट और चोरी जैसे मामले शामिल हैं।
जेल प्रशासन ने की जांच, दो सस्पेंड
जेल अधीक्षक दीपक शर्मा ने बताया कि फरारी के इस मामले की जांच की गई है। जांच में यह बात सामने आई कि दोनों मुख्य वार्डन – सुभाष और नरेंद्र – ने ड्यूटी के दौरान लापरवाही की थी। इसी वजह से दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
अब तक नहीं मिला कोई सुराग
राकेश उर्फ काकू को पकड़ने के लिए जिला पुलिस लगातार काम कर रही है। सीआईए स्टाफ, डिटेक्टिव ब्रांच और सिविल लाइन थाना पुलिस की टीमें लगातार उसके छिपने के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक उसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।