मनोरंजन
Trending

“स्मिता पाटिल की याद में, बब्बर का अद्भुत टैलेंट और उनके गम का दर्द”

स्मिता पाटिल: कान फिल्म फेस्टिवल में मंथन की स्क्रीनिंग और प्रतीक बब्बर का भावुक संदेश

“अभिनेत्री स्मिता पाटिल की याद में अभिनेता प्रतीक बब्बर का भावपूर्ण श्रद्धांजलि”

दिग्गज अभिनेत्री स्मिता पाटिल, जिन्हें हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिभाशाली और प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है, भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका अभिनय और विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।

77वें कान फिल्म महोत्सव में, उनकी यादगार फिल्म “मंथन” (1980) को क्लासिक खंड में एक विशेष स्क्रीनिंग मिली।

यह फिल्म, श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित, भारत के ‘ऑपरेशन फ्लड’ की प्रेरक कहानी बताती है, जो एक राष्ट्रीय डेयरी सहकारी आंदोलन था।

स्मिता पाटिल ने फिल्म में गंगा नामक एक ग्रामीण महिला की भूमिका निभाई थी, जो इस आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कान में फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद, स्मिता पाटिल के बेटे, अभिनेता प्रतीक बब्बर ने अपनी मां को एक भावुक श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की जिसमें लिखा था: “माँ, आज आप कान में थीं। ‘मंथन’ की स्क्रीनिंग के दौरान आपकी प्रतिभा और खूबसूरती ने एक बार फिर दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आपकी कला का प्रभाव कालातीत है और यह हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

आपको याद करना और आपके अभिनय को देखना हमेशा सम्मान और खुशी की बात है।”

प्रतीक बब्बर के इस संदेश ने कई प्रशंसकों और फिल्म उद्योग के लोगों को भावुक कर दिया।

स्मिता पाटिल ने अपने करियर में “भूमिका”, “अर्थ”, “मिर्च मसाला”, “नमक हलाल” और “बाजार” जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया।

उनकी प्रतिभा और अभिनय की गहराई ने उन्हें हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया है।

कान फिल्म महोत्सव में “मंथन” की स्क्रीनिंग एक बार फिर उनकी कला और विरासत को याद करने का एक अवसर था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button