मध्यप्रदेश

2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना हमारा लक्ष्य : राजनाथ सिंह

इंदौर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाया जाए। इस लक्ष्य की प्राप्ति में सेना की भूमिका बेहद अहम है। आप केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं हैं बल्कि आप इस राष्ट्र के निर्माण के अग्रदूत भी हैं। आपके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। आपको एक तरफ तो हमारी सीमाओं का भार संभालना है और दूसरी तरफ विकसित भारत के निर्माण की नींव भी रखनी है। हमें खुद को हमेशा अलर्ट रहने की आवश्यकता है।
रक्षा मंत्री सिंह रविवार को इंदौर जिले के प्रवास के दौरान महू में आर्मी संस्थानों में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महू में एक लंबे समय से आर्मी वॉर कॉलेज, इन्फेंटरी स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग भी सेवाएं दे रहे हैं। स्थापना के समय से ही ये संस्थान भारतीय सेनाओं के ऑफिसर्स और जवानों को मिलिट्री स्ट्रेटजीस और युद्ध कौशल में पारंगत बना रहे हैं। मैं राष्ट्र के प्रति आप सभी की सेवा के लिए भी आभार प्रकट करता हूं। आपका समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा प्रेरणा का काम करती है। आपका अनुशासन साधना से कम नहीं। देश की उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हमारे दुश्मन बाहरी हों या आंतरिक, हमें उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी होगी।
दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को मध्य प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर इंदौर पहुंचे हैं। उनके साथ आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी इंदौर आए हैं। वे दोपहर करीब 12 बजे विशेष विमान से इंदौर एयरपोर्ट आए और यहां से सेना की हैलिकॉप्टर द्वारा महू कैंट एरिया पहुंचे। यहां रक्षा मंत्री सिंह ने आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में जवानों और अधिकारियों को संबोधित किया। इस दौरान चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ उपेंद्र द्विवेदी भी मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे सबसे ज्यादा जो बात अपील करती है, वह है कर्म के प्रति आपकी निष्ठा। जिस प्रकार से आप, हर चीज से ऊपर उठकर, केवल राष्ट्र सेवा को ही अपना कर्म मानकर, निरंतर लगे हुए हैं, शायद इसी को निष्काम कर्म कहा गया है। आपका यह निष्काम कर्म ही है, जिसने हमारी सेना को एक अलग ही मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहाँ मैं युवा जोश, और परिपक्व अनुभव के मिश्रण को भी देख पा रहा हूँ। जोश और अनुभव का यह मिश्रण निश्चित रूप से हमारी सेना के लिए और इस देश के लिए भी कई मायनों में महत्वपूर्ण है। वैसे तो आप सभी पूरी दुनिया में चल रही गतिविधियों पर खुद नजर रखते होंगे फिर भी, देश के रक्षा मंत्री होने के नाते, मैं आप सभी से विशेष रूप से यह बात कहना चाहूंगा कि, हमें खुद को हमेशा अलर्ट रखने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि लोहे के समान आपके मजबूत कंधे, इस राष्ट्र के निर्माण का भार बेहद आसानी से वहन करेंगे। मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ हैं।
कार्यक्रम के बाद रक्षा मंत्री सिंह का काफिला आर्मी क्षेत्र से होते हुए दोपहर 1.05 बजे बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली पहुंचा। यहां रक्षा मंत्री ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। साथ ही उनके अस्थि कलश के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बाबा साहब के स्मारक के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की महू स्थित जन्म स्थली के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। संविधान की रचना में योगदान के साथ-साथ स्वाधीन भारत की संस्थाओं के निर्माण में बाबा साहेब की भूमिका अतुलनीय रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बाबासाहेब से जुड़े स्थानों को ‘पंच तीर्थ’ के रूप में विकसित करने का महती काम किया है। बाबा साहब का योगदान भारत की आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी। रक्षा मंत्री दो दिन तक महू में ही रहेंगे। इस दौरान वे आर्मी की सभी यूनिट्स का दौरा करेंगे।

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