
शिव तांडव के साथ शुरू हुआ भारत का करारा जवाब: ऑपरेशन सिंदूर- यह लेख भारत के सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रित है, जिसमें तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया।
एकजुटता का प्रदर्शन- दिल्ली में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी ने देश की एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख का संदेश दिया। शिव तांडव की धुन के साथ शुरू हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने साफ कर दिया कि भारत अब केवल बातों से नहीं, बल्कि कर्मों से जवाब देगा। इसका मतलब है कि भारत अब आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके लिए वो हर संभव कदम उठाएगा। तीनों सेनाओं के प्रमुखों का एक साथ आना ये दर्शाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ेगा और किसी भी तरह की ढिलाई बरतने वाला नहीं है। यह एक ऐसा संदेश है जो आतंकवादियों को स्पष्ट रूप से समझना होगा। इससे ये भी पता चलता है कि भारत की सुरक्षा और रक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है और वो आतंकवाद से निपटने के लिए कितनी दृढ़ इच्छाशक्ति रखता है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक सटीक जवाब- लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर कोई अचानक फैसला नहीं था बल्कि पहलगाम आतंकी हमले का सुनियोजित जवाब था। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिससे भारत में आक्रोश फैल गया था। यह हमला एक चेतावनी था कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने होंगे। इसलिए, भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। वायु सेना के सर्जिकल स्ट्राइक में 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ़ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ़ और मुदासिर अहमद जैसे बड़े आतंकवादी भी शामिल थे। यह एक सटीक और प्रभावी कार्रवाई थी, जिसने आतंकवादियों को एक कड़ा संदेश दिया। यह ऑपरेशन सिर्फ़ जवाबी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी था। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और भविष्य में भी इसी तरह की कार्रवाई करेगा।
अब और नहीं, अब होगा सीधा जवाब- DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने साफ शब्दों में कहा, “अब सिर्फ बयान नहीं, अब सीधी कार्रवाई होगी।” उन्होंने कहा कि देश की सेना और नागरिकों पर हो रहे हमलों ने भारत को मजबूर कर दिया है कि वो अब और सहन नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ़ जवाब देना नहीं था, बल्कि यह दिखाना भी था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ हर स्तर पर कार्रवाई करने को तैयार है। यह एक ऐसा संदेश था जो पूरी दुनिया के लिए था, खासकर उन देशों के लिए जो आतंकवाद को पनाह देते हैं। इससे यह भी पता चलता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अकेला नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह एक ऐसा संदेश है जो आतंकवादियों को डराएगा और उन्हें भारत के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले सोचने पर मजबूर करेगा।




