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MP में फर्जी वेबसाइट से भर्ती का झांसा, बेरोज़गारों से 250 से 500 रुपये तक की ठगी

भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगने का बड़ा खेल चल रहा है। ये साइबर ठग अलग-अलग सरकारी विभागों के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट तैयार करते हैं और फिर इन पर फर्जी भर्तियां दिखाकर ऑनलाइन आवेदन फीस के नाम पर बेरोज़गार युवाओं से पैसे ऐंठ लेते हैं। जब तक असली विभागों को इसकी भनक लगती है, तब तक ये ठग अपना काम कर के फरार हो जाते हैं। ऐसा ही ताज़ा मामला स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है, जहां ठगों ने मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की नकली वेबसाइट बनाकर 2972 पदों पर भर्ती दिखा दी और नौकरी के फॉर्म भरवाने के नाम पर 250 से 500 रुपये तक वसूले। भोपाल के डीसीपी जोन-2 संजय अग्रवाल का कहना है कि इस ठगी में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। इससे पहले भी करीब दो महीने पहले लोक शिक्षण संचालनालय के नाम से इसी तरह की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर ठगी का केस सामने आया था। उस मामले की जांच फिलहाल भोपाल क्राइम ब्रांच कर रही है।

पद के हिसाब से तय की गई थी फीस की रकम कुछ दिन पहले आयुष विभाग ने 16 अलग-अलग पदों पर भर्ती निकाली थी। इसी का फायदा उठाकर ठगों ने आयुष विभाग के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बना डाली और सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर पेज बनाकर उस फर्जी साइट का प्रचार शुरू कर दिया। इस फर्जी भर्ती में स्टोर मैनेजर के 528, असिस्टेंट स्टोर मैनेजर के 988 और डाटा एंट्री ऑपरेटर के 1456 पदों के लिए आवेदन मंगवाए गए। इसमें स्टोर मैनेजर की पोस्ट के लिए 500 रुपये और बाकी दोनों पदों के लिए 250 रुपये की फीस ली जा रही थी। दिल्ली में मिली लोकेशन, लेकिन अब तक नहीं गई पुलिस अक्टूबर 2022 में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जब ठगों ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय की फर्जी वेबसाइट बनाकर 67,854 पदों पर अलग-अलग विषयों के शिक्षकों की भर्ती दिखा दी थी। इस फर्जी भर्ती में एक फॉर्म भरवाने के लिए 990 रुपये वसूले जा रहे थे। इसकी जानकारी मिलने पर लोक शिक्षण संचालनालय के उस वक्त के डायरेक्टर अभय वर्मा ने नवंबर 2022 में राज्य साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। कुछ समय बाद ये मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया था। लंबी जांच के बाद आखिरकार 9 फरवरी 2025 को पुलिस ने केस दर्ज किया। मामले की जांच कर रहे एसआई सूरज रंधावा ने बताया कि अब तक फर्जी वेबसाइट बनाने वाले आरोपी की लोकेशन दिल्ली में मिली थी, लेकिन पुलिस की टीम उसे पकड़ने अब तक वहां नहीं पहुंची है।

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