स्पा सेंटर्स में बढ़ते गंदे धंधों पर हाईकोर्ट सख्त, तीन महीने में नीति बनाएं: पंजाब सरकार को आदेश

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पा और मसाज सेंटर्स में बढ़ती गैरकानूनी गतिविधियों और देह व्यापार को लेकर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को सख्त हिदायत दी है कि वो इन सेंटर्स के संचालन को लेकर तीन महीने के अंदर एक साफ-सुथरी और ठोस नीति बनाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस नीति के ज़रिए मासूम महिलाओं के शोषण पर लगाम लगे और आम लोगों के हितों की भी सुरक्षा होनी चाहिए। यह आदेश जालंधर के कुछ ब्यूटी पार्लर, मसाज और स्पा सेंटर चलाने वालों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने पुलिस द्वारा बेवजह परेशान किए जाने और दखल देने की शिकायत की थी। लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में जो जवाब दाखिल किया गया, उसमें सिर्फ याचिकाकर्ताओं की शिकायतें ही नहीं थीं, बल्कि खुद सरकार ने भी इन सेंटर्स को लेकर गंभीर आरोप लगाए।
स्पा और मसाज सेंटर्स की आड़ में चल रहा है सेक्स रैकेट राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि जालंधर में ऐसे कई केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें स्पा और मसाज सेंटर की आड़ में देह व्यापार का खुलासा हुआ है। सरकार का कहना है कि कुछ लोग इन सेंटर्स की आड़ में देह व्यापार और मानव तस्करी जैसे संगीन अपराधों में शामिल पाए गए हैं। इस पर सुनवाई कर रहे जस्टिस कुलदीप तिवारी ने कहा कि सिर्फ एक कमीश्नरेट की रिपोर्ट देखकर ही साफ हो जाता है कि ये समस्या सिर्फ एक जगह की नहीं, बल्कि पूरे राज्य में फैली हुई है। उन्होंने कहा कि ये कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी कोर्ट के सामने इसी तरह के केस आए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में इसी मुद्दे पर दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस के आधार पर एक ढांचा तैयार करने के निर्देश देने वाले एक अन्य बेंच का ज़िक्र भी किया। स्पा और मसाज सेंटर्स के लिए सख्त नियम बनाने के आदेश कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार ने भी इसको लेकर गाइडलाइंस बनाई हैं, जिससे ये साफ हो जाता है कि ऐसी नीति बनाना अब ज़रूरी हो गया है। महिलाओं की सुरक्षा और समाज में कानून व्यवस्था पर इसके असर को देखते हुए कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि वह स्पा और मसाज सेंटर्स के संचालन को लेकर एक सख्त पॉलिसी बनाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस नीति को बनाने की प्रक्रिया तीन महीने के अंदर पूरी होनी चाहिए और इसकी स्थिति पर एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए।