हरियाणा स्टीलर्स: प्रो कबड्डी में फिर से धमाका करने को तैयार, जानिए टीम की ताकत, कमजोरी और जीत की संभावनाएं

हरियाणा स्टीलर्स: पिछली जीत की गूंज और नए सीजन का जोश!-प्रो कबड्डी लीग में जब हरियाणा स्टीलर्स का नाम आता है, तो ज़हन में एक ऐसी टीम की तस्वीर उभरती है जो हमेशा ज़ोरदार खेलती है। साल 2017 में लीग में कदम रखने के बाद से, इस टीम ने चार बार प्लेऑफ़ तक का सफर तय किया है। और पिछले सीज़न तो कमाल ही कर दिया, पहला खिताब जीतकर इतिहास रच दिया! अब, ये टीम डिफेंडिंग चैंपियन के तौर पर मैदान में उतरेगी। कोच मनप्रीत सिंह, जो खुद एक बेहतरीन खिलाड़ी रह चुके हैं, ने टीम के पुराने खिलाड़ियों को बनाए रखते हुए कुछ नए चेहरों को भी शामिल किया है। इससे टीम काफी संतुलित और खतरनाक नज़र आ रही है, जो किसी भी विरोधी के लिए सिरदर्द बन सकती है।
रेडिंग और डिफेंस में धाकड़ खिलाड़ी-हरियाणा स्टीलर्स की सबसे बड़ी ताकत उनका रेडिंग विभाग है। विनय, शिवम अनिल पाटरे और विशाल टेटे जैसे खिलाड़ी विरोधी टीमों के डिफेंस में सेंध लगाने की पूरी क्षमता रखते हैं। पिछले सीज़न विनय ने 164 रेड पॉइंट्स के साथ टीम के सबसे ज़्यादा पॉइंट बनाने वाले खिलाड़ी का खिताब अपने नाम किया था। वहीं, डिफेंस की बात करें तो जयदीप दहिया और राहुल सतपाल जैसे भरोसेमंद खिलाड़ी मौजूद हैं, जो किसी भी मैच के अहम मोड़ पर अपना जादू दिखा सकते हैं। नवीन कुमार का आक्रामक खेल भी डिफेंस को और भी मज़बूत बनाता है, जिससे टीम हर विभाग में मज़बूत नज़र आती है।
बड़े खिलाड़ियों की कमी खलेगी?-इस सीज़न हरियाणा स्टीलर्स के लिए सबसे बड़ा झटका है मोहम्मदरेज़ा शादलोई का टीम में न होना। पिछले साल उन्होंने 24 मैचों में 82 टैकल पॉइंट्स और 57 रेड पॉइंट्स हासिल करके टीम के लिए अहम भूमिका निभाई थी। उनके जाने से लेफ्ट कॉर्नर में अनुभव की कमी महसूस हो सकती है। राहुल आहिरी और हरदीप जैसे खिलाड़ी भले ही अच्छे हैं, लेकिन बड़े और दबाव वाले मैचों का अनुभव उनके पास कम है। इसके अलावा, राइट कवर कृष्ण धुल का टीम में न होना भी डिफेंस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, जिससे टीम की गहराई पर सवाल उठ सकते हैं।
युवाओं के लिए चमकेगा सितारा?-भले ही हरियाणा के डिफेंस में अनुभवी खिलाड़ियों की कमी हो, लेकिन यह युवा खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करने का एक शानदार मौका है। मणिकंदन एन, सचिन, रितिक, हरदीप, राहुल और अंकित जैसे नाम अगर इस मौके का पूरा फायदा उठाते हैं, तो टीम को दोहरा फायदा होगा। एक तरफ तो वे मैच जीतकर टीम को जीत दिलाएंगे, वहीं दूसरी तरफ भविष्य के लिए एक मज़बूत स्क्वॉड तैयार होगा। कोच मनप्रीत सिंह के लिए भी यह एक सुनहरा अवसर है कि वे लगातार दूसरी बार खिताब जीतकर खुद को लीग के महान कोचों की श्रेणी में शामिल कर सकें।
ऑलराउंडर्स और फिटनेस की चिंता-हरियाणा स्टीलर्स के पास ऑलराउंडर के तौर पर कुछ दमदार नामों की कमी साफ दिख रही है। आशीष और साहिल टीम में मौजूद हैं, लेकिन लगातार अच्छा प्रदर्शन करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा, टीम के स्टार रेडर नवीन कुमार की फिटनेस भी टीम के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। अगर वे सीज़न के बीच में चोटिल हो जाते हैं, तो यह टीम के लिए एक बहुत बड़ा झटका साबित हो सकता है, जिससे टीम की लय बिगड़ सकती है।


