
उत्तराखंड में ‘नकल जिहाद’ का बवाल: क्या युवाओं की आवाज़ दबाने की कोशिश?
पेपर लीक पर घमासान: सीएम धामी के बयान से गरमाया माहौल-उत्तराखंड में पेपर लीक का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक बयान ने इस पर नई बहस छेड़ दी है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कड़ा एतराज जताया है। रावत का कहना है कि सीएम धामी ने उन लोगों को ‘नकल जिहादी’ कहा है जो पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। रावत ने सवाल उठाया कि आखिर सीएम ऐसा कहकर क्या संदेश देना चाहते हैं।
‘जिहाद’ का मतलब और सीएम का बयान-हरीश रावत के अनुसार, ‘जिहाद’ का मतलब होता है बुराई, अन्याय और शोषण के खिलाफ डटकर खड़ा होना और अपनी आवाज उठाना। उन्होंने मुख्यमंत्री के ‘नकल जिहादी’ वाले बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि यह राज्य के उन युवाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है जो पहले से ही बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहे हैं। रावत का मानना है कि यह बयान युवाओं की जायज चिंताओं को अनसुना करने जैसा है।
युवाओं की पीड़ा और सत्ता पर सवाल-पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के युवा, जो देश का भविष्य हैं, लगातार बेरोजगारी और पेपर लीक जैसी घटनाओं से परेशान हैं। ऐसे में उनकी आवाज को ‘जिहाद’ का नाम देकर सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। रावत ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार आलोचना को समाज में नफरत फैलाने का रूप देने का प्रयास कर रही है, जिसकी वे कड़ी निंदा करते हैं।




