20 साल पहले लगा फिल्टर प्लांट, फिर भी गांव में बीमारियों की भरमार: बिलासपुर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

कौड़ीकसा गांव: जहरीला पानी और अधूरा इन्साफ- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बसे कौड़ीकसा गांव की कहानी दुखद है। यहाँ के लोग जहरीले पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे कई गंभीर बीमारियाँ फैल रही हैं। इस समस्या पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है, लेकिन क्या इससे गांव को इंसाफ मिलेगा?
20 साल पुराना प्लांट, फिर भी बीमारी क्यों?- करीब 20 साल पहले गांव में एक पानी फिल्टर प्लांट लगाया गया था। लेकिन, इसके बावजूद बीमारियाँ कम नहीं हुई हैं। लोक स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बीमारियाँ पुरानी हो सकती हैं और पानी में आर्सेनिक की कोई समस्या नहीं है। लेकिन, ग्रामीणों का दावा है कि पानी की गुणवत्ता हमेशा से ही चिंता का विषय रही है।
कोर्ट कमिश्नर की जांच: सच्चाई का इंतज़ार- हाई कोर्ट ने वकील विक्रम शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। वे गांव जाकर जांच करेंगे और अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। इस जांच से उम्मीद है कि बीमारी की असली वजह का पता चलेगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
कौड़ीकसा गांव की पीड़ा: बीमारियाँ और मुश्किलें- कौड़ीकसा गांव की आबादी लगभग 2500 है। यहाँ कई लोग चर्म रोग और दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। ग्रामीणों का मानना है कि ये बीमारियाँ जहरीले पानी के कारण फैल रही हैं।
उम्मीद की किरण: कोर्ट का हस्तक्षेप- हाई कोर्ट के हस्तक्षेप से उम्मीद है कि कौड़ीकसा गांव की समस्या का समाधान जल्द ही होगा। अगर बीमारी की वजह दूषित पानी है, तो यह प्रशासन की बड़ी लापरवाही होगी। कोर्ट की यह कार्रवाई गांव के लोगों के लिए राहत की सांस बन सकती है।