
दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1 मई को मजदूर दिवस के मौके पर राजधानी में काम करने वाले श्रमिकों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हर साल मजदूरों और उनके परिवारों के लिए फ्री हेल्थ चेकअप कराएगी। इसके अलावा, तेज गर्मी को देखते हुए, दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक मजदूरों को काम से आराम देने का फैसला लिया गया है, और इसके लिए सरकार की ओर से नोटिस भी जारी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रमिकों की सुविधा के लिए 3000 वाटर कूलर लगाने की योजना भी बनाई गई है। करोल बाग में मजदूर दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मजदूरों का सम्मान करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार दिल्ली में काम करने वाले हर श्रमिक और उनके परिवार को बेहतर ज़िंदगी, स्वास्थ्य और शिक्षा देने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। उन्होंने बताया कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद पिछले दो महीने में कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें फ्री हेल्थ चेकअप की योजना भी शामिल है, जिससे हर मजदूर और उनके परिवार के लोग फायदा उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब गर्मी बहुत ज़्यादा पड़ती है, तब मजदूरों की सेहत का ख्याल रखना सरकार की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। इसलिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दोपहर 12 से 3 बजे तक मजदूरों को धूप में काम न करना पड़े और उन्हें उस समय आराम मिल सके। उन्होंने कहा कि इसको लेकर सरकार की तरफ से जल्दी ही नोटिफिकेशन भी जारी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में दूर-दराज के इलाकों से आकर काम करने वाले लाखों मजदूरों की देखभाल और उन्हें इज़्ज़त के साथ जीने की सुविधा देना हमारी सरकार का फर्ज है। इसी कार्यक्रम में उन्होंने ऐलान किया कि दिल्ली में मजदूर बहनों के छोटे बच्चों के लिए 500 पालना केंद्र और 100 अटल कैंटीन खोली जाएंगी, जिससे बच्चों को सही पोषण और देखभाल मिल सके। गर्मी के मौसम में मजदूरों को राहत देने के लिए सरकार 3000 वाटर कूलर लगाने की योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर काम की जगह पर साफ और ठंडा पीने का पानी उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। सीएम गुप्ता ने सरकार की बाकी योजनाओं का ज़िक्र करते हुए बताया कि दिल्ली की बीजेपी सरकार ने श्रमिकों के लिए ‘आयुष्मान भारत’ योजना से लेकर, 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए ‘वय वंदना योजना’, सस्ता और भरपेट खाना देने के लिए ‘अटल कैंटीन’, और कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए ‘पालना केंद्र’ जैसी योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं का सीधा फायदा काम करने वाले श्रमिकों को मिलेगा।