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भारत सरकार का रक्षा बजट 2025-26: 6.81 लाख करोड़ रुपये से सेना को मिलेगी नई ताकत, जानिए इस बजट के अहम पहलू

रक्षा क्षेत्र में भारत सरकार का बड़ा कदम, सुरक्षा को मिलेगा नया बल – भारत सरकार ने 2025-26 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 40 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। यह राशि देश के कुल बजट का 13.45% है, और यह रक्षा क्षेत्र के महत्व को साफ तौर पर दर्शाता है। इस बजट में भारतीय सेना को और सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

क्या-क्या खास है इस बजट में?

2025-26 के रक्षा बजट में भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया है। यह बजट देश के कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के बजट का एक बड़ा हिस्सा है, जो सुरक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। इस बजट में खास तौर पर नए हथियारों की खरीद, लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने, साइबर सुरक्षा पर ध्यान देने और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की योजनाएं हैं। इसके अलावा, सेना संचालन, पूर्व सैनिकों की पेंशन, और रक्षा अनुसंधान और विकास (R&D) पर भी खास ध्यान दिया गया है।

बजट के विभिन्न हिस्सों में कैसे बांटे गए पैसे?

  1. सेना के संचालन (राजस्व खर्च): ₹3,11,732 करोड़
  2. पूर्व सैनिकों की पेंशन: ₹1,60,795 करोड़
  3. नई रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद (पूंजीगत व्यय): ₹1,80,000 करोड़
  4. रक्षा अनुसंधान और विकास (DRDO): ₹14,924 करोड़
  5. रक्षा निर्माण क्षेत्र: ₹11,452 करोड़
  6. रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों के लिए: ₹1,494 करोड़

मेक इन इंडिया का भी होगा फायदा – सरकार का यह बजट ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहित करने के लिए भी है, जिससे स्वदेशी रक्षा उपकरणों का निर्माण बढ़ेगा और भारत अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनेगा। इससे आयात पर निर्भरता घटेगी और भारतीय रक्षा उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह कदम देश की अर्थव्यवस्था और रक्षा उत्पादन को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम है।

नई तकनीकों और हथियारों की खरीद – रक्षा बजट में कई अहम क्षेत्रों जैसे आधुनिक हथियारों, मिसाइल सिस्टम, फाइटर जेट्स, पनडुब्बियों और टैंकों की खरीद का भी प्रावधान किया गया है। खासतौर से भारतीय वायुसेना के लिए राफेल और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके अलावा, सेना की संचार प्रणाली और साइबर सुरक्षा में भी सुधार किया जाएगा, ताकि हम डिजिटल युद्ध और साइबर हमलों से बच सकें।

सीमाओं की सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर – भारत के सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवादों के मद्देनजर, सरकार ने इन इलाकों में सैन्य तैनाती और इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़ा बजट आवंटित किया है। विशेष रूप से लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे सेना की आवाजाही को तेज किया जा सके।

रक्षा मंत्री का बयान – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘सशक्त रक्षा प्रणाली’ बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा, और इसके लिए नई तकनीकों, आधुनिक हथियारों और साइबर सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा।

 

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