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सिलेंडर के दाम बढ़े: मार्च शुरू होते ही जेब पर बोझ

कॉमर्शियल सिलेंडर महंगा, घरेलू में राहत

मार्च का महीना शुरू होते ही लोगों को एक बड़ा झटका लगा है। सरकारी तेल कंपनियों ने 1 मार्च से सिलेंडर की कीमतों में बदलाव कर दिया। बात हो रही है 19 किलो वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की, जिसके दाम में 6 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अब दिल्ली में ये सिलेंडर 1797 रुपये से बढ़कर 1803 रुपये का हो गया है। वहीं, अच्छी खबर ये है कि घर में खाना बनाने वाले 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडर के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ये अभी भी पुरानी कीमत पर ही मिलेगा। घरेलू सिलेंडर पर सरकार सब्सिडी देती है, जिससे आम लोगों की जेब पर ज्यादा असर नहीं पड़ता। दूसरी तरफ, कॉमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल ढाबों, होटलों और फैक्ट्रियों में होता है। इसकी कीमत बढ़ने से बिजनेस करने वालों की टेंशन बढ़ सकती है। दोनों सिलेंडरों में काफी फर्क है, और इनके नियम भी अलग हैं। आगे हम इस बारे में और बताएंगे कि ये बदलाव आपकी जिंदगी पर कैसे असर डाल सकता है और दोनों सिलेंडरों का इस्तेमाल कैसे होता है।

घरेलू सिलेंडर: आम लोगों के लिए राहत की सांस

घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, और ये खबर आम लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। ये सिलेंडर 14.2 किलो का होता है और ज्यादातर घरों में खाना बनाने के काम आता है। सरकार इस पर सब्सिडी देती है, जिससे इसकी कीमत कम रहती है और हर किसी की पहुंच में रहता है। आप इसे आसानी से गैस एजेंसी या डीलर से मंगवा सकते हैं। घर में इस्तेमाल के लिए इसे सुरक्षित बनाया जाता है, और इसके लिए खास नियम भी हैं। जैसे कि इसे सही तरीके से रखना और चेक करना जरूरी होता है, ताकि कोई हादसा न हो। अच्छी बात ये है कि ये सिलेंडर आम घरेलू चूल्हे के साथ बिल्कुल फिट बैठता है। इस बार कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़ने से बिजनेस वालों को परेशानी हो सकती है, लेकिन घर चलाने वालों के लिए सब कुछ पहले जैसा ही है। लोग इसे आसानी से बुक कर सकते हैं और डिलीवरी घर तक हो जाती है। ये सिलेंडर हमारी रोज की जिंदगी का अहम हिस्सा है।

कॉमर्शियल सिलेंडर: बिजनेस वालों की मुश्किल बढ़ी

कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 6 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, और अब दिल्ली में ये 1803 रुपये का हो गया है। ये सिलेंडर 19 किलो का होता है और इसे होटल, ढाबे, बेकरी, रेस्तरां और फैक्ट्रियों में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कीमत बढ़ने से छोटे-बड़े बिजनेस वालों की चिंता बढ़ गई है। ये सिलेंडर घरेलू वाले से अलग होता है, क्योंकि इसे बड़े कामों के लिए बनाया जाता है और ये ज्यादा दबाव झेल सकता है। इसे लेने के लिए खास लाइसेंस और नियमों का पालन करना पड़ता है। सुरक्षा के लिए भी इसमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी होती है, ताकि कोई दिक्कत न आए। जहां घरेलू सिलेंडर पर सब्सिडी मिलती है, वहीं कॉमर्शियल पर ऐसा कुछ नहीं है, इसलिए इसकी कीमत पूरी चुकानी पड़ती है। इस बार दाम बढ़ने से होटल और ढाबे वालों को खर्च बढ़ सकता है, जिसका असर शायद खाने की कीमतों पर भी पड़े। ये सिलेंडर बिजनेस की रीढ़ है, लेकिन अब इसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी।

दोनों सिलेंडरों में फर्क और इस्तेमाल

घरेलू और कॉमर्शियल सिलेंडर में काफी अंतर है। घरेलू सिलेंडर 14.2 किलो का होता है और खाना बनाने के लिए घरों में यूज होता है। इसकी कीमत कम रखने के लिए सरकार सब्सिडी देती है और ये आसानी से मिल जाता है। दूसरी तरफ, कॉमर्शियल सिलेंडर 19 किलो या उससे बड़ा होता है और बिजनेस के लिए इस्तेमाल होता है। इस बार इसकी कीमत 1797 से 1803 रुपये हो गई है, जबकि घरेलू सिलेंडर के रेट वही हैं। कॉमर्शियल सिलेंडर को लेने के लिए खास इजाजत चाहिए, और इसके लिए सुरक्षा के सख्त नियम हैं। ये ज्यादा दबाव सह सकता है, इसलिए इसे बड़े कामों जैसे होटल या फैक्ट्री में इस्तेमाल करते हैं। घरेलू सिलेंडर को साधारण गैस चूल्हे के साथ यूज कर सकते हैं, और ये हर घर की जरूरत है। दोनों का मकसद गैस देना ही है, लेकिन इनका इस्तेमाल और नियम बिल्कुल अलग हैं। इस बार कीमत बढ़ने से बिजनेस वालों पर असर पड़ेगा, लेकिन आम लोग राहत में हैं।

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