
उत्तराखंड में भीषण हिमस्खलन: राहत कार्य जारी, अब तक 47 मजदूरों को बचाया गया
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा कैंप के पास 28 फरवरी को भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें वहां निर्माण कार्य कर रहे 55 मजदूर बर्फ में दब गए। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं। अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जिनमें से तीन घायल हैं और उनका इलाज जोशीमठ के सैन्य अस्पताल में चल रहा है। हालांकि, अब भी 8 मजदूर लापता हैं, और उन्हें बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। खराब मौसम और भारी बर्फबारी के कारण राहत कार्य में रुकावट आ रही है, लेकिन जैसे ही मौसम सुधरेगा, ऑपरेशन और तेज कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर राहत कार्यों की जानकारी ली। सीएम धामी ने बताया कि पीएम मोदी ने मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
चमोली पुलिस ने हिमस्खलन में फंसे 55 मजदूरों की सूची जारी कर दी है। राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार देर शाम रोकना पड़ा था, लेकिन शनिवार सुबह से फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री धामी खुद बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और जोशीमठ में एक अस्थायी नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। सीएम धामी ने बताया, “प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), गृह मंत्रालय (HMO) और रक्षा मंत्रालय (RMO) लगातार अपडेट ले रहे हैं। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर तैयार हैं और जैसे ही मौसम साफ होगा, राहत कार्य में जुट जाएंगे। कुछ बचाव दल सड़क मार्ग से भी घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।” उत्तराखंड सरकार ने फंसे मजदूरों के परिवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि वे अपने परिजनों की जानकारी ले सकें। आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, आईटीबीपी, भारतीय सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं, उन्हें एयरलिफ्ट कर बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा जाए। उन्होंने खुद भी मौके पर जाकर हालात का जायजा लेने की बात कही है। जैसे-जैसे मौसम साफ होगा, बचाव कार्य में तेजी लाई जाएगी। प्रदेश सरकार और प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं और पूरी कोशिश कर रहे हैं कि सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आ सकें।