चेम्बर की चेतावनी: आयकर विभाग के पास है क्रिप्टो ट्रेडिंग का पूरा डेटा, जानकारी छिपाने पर होगी कानूनी कार्रवाई

आयकर विभाग के NUDGE 2.0 कार्यक्रम में विदेशी आय व विदेशी संपत्ति को आयकर रिटर्न में दाखिल करने की कही गई बात: छत्तीसगढ़ चेम्बर आॅफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज से निकेश बरडिया और प्रशांत गुप्ता हुए शामिल
रायपुर : आज दिनांक 26 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ प्रदेश की सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने आयकर विभाग द्वारा आयोजित जनसंपर्क कार्यक्रम NUDGE 2.0 में सक्रिय सहभागिता दर्ज की। नया रायपुर स्थित प्रधान आयकर निदेशक (अन्वेषण) कार्यालय, सीबीडी बिल्डिंग में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विदेशी आय और विेदेशी संपत्ति, 80GG रिफंड, आयकर रिटर्न अपडेशन के प्रति करदाताओं को जागरूक करना था।
प्रधान आयकर निदेशक श्री के. रवि करण, संयुक्त आयकर निदेशक (अन्वेषण) श्री भरत शेगांवकर एवं अतिरिक्त आयकर निदेशक श्री चंद्रशेखर मेहरा के नेतृत्व में संपन्न इस सत्र में अधिकारियों ने हाई रिस्क रिफंड, धारा 80GG के तहत डोनेशन और विदेशी आय एवं संपत्ति के ब्यौरे पर विशेष जोर दिया। प्रधान आयकर निदेशक के. रवि करण ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भारतीय निवासी को विदेश से किसी भी प्रकार की आय, कैपिटल गेन, अचल संपत्ति या विदेशी बैंक खाते से प्राप्त हो रही है, तो उसे अनिवार्य रूप से आयकर रिटर्न में दर्शाना चाहिए।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम में शामिल हुए प्रदेश कोषाध्यक्ष निकेश बरडिया ने व्यापारियों और करदाताओं को संबोधित करते हुए एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू साझा किया। उन्होंने कहा, ”वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग की समस्त जानकारी डिजिटल माध्यम से आयकर विभाग के पास उपलब्ध है। यदि ट्रेडर्स इस जानकारी को अपने आयकर रिटर्न में छिपाते हैं, तो भविष्य में उन्हें भारी पेनाल्टी और कानूनी सजा का सामना करना पड़ सकता है।”
चेम्बर मंत्री प्रशांत गुप्ता ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी और इस आयोजन को व्यापारियों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। NUDGE 2.0 कार्यक्रम का मूल उद्देश्य दंडात्मक कार्यवाही के बजाय करदाता को जागरूक करना है, ताकि करदाता समय रहते अपनी विदेशी संपत्तियों और आय की सही घोषणा अपने आयकर रिटर्न में कर सकें और भारी जुर्माने से बचें।
इस गरिमामय कार्यक्रम में शहर के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी और चार्टर्ड एकाउंटेन्ट एसोसियेशन के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिन्होंने अपनी शंकाओं का समाधान सीधे आयकर अधिकारियों से किया।


