Join us?

छत्तीसगढ़

अक्षय तृतीया कल, सजा गुड्डे गुड़ियों का बाजार

व्यापारियों को अच्छी व्यापार की उम्मीद

रायपुर: अक्षय तृतीया को लेकर गुड्डे गुड़ियों का बाजार सज चुका है शहर के कई स्थानों पर लोग गुड्डे गुड़िया खरीदते नजर आए हैं वहीं अक्षय तृतीया में अच्छी खरीदी को लेकर व्यापारियों में भी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है शुभ मुहूर्त पर बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने के लिए बाजार पहुंच सकते हैं खासकर ज्वेलरी और बर्तन दुकानों में कल भीड़ देखने को मिल सकती है बड़ी संख्या में कल शादियों का भी आयोजन है। कल अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। ऐसे में बाजार में गुड्डा, गुड़िया सहित उनके विवाह व रस्मों में उपयोग की जाने वाली सामग्री की बिक्री शुरू हो गई है। अक्षय तृतीया के दिन गुड्डा-गुड़िया की शादी नन्हें बच्चों द्वारा पूरे रीति रिवाज के साथ कराई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन को शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन मुहूर्त हो या न हो लेकिन सबसे ज्यादा शादी इसी दिन होती है। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहर में भी बड़ी संख्या में विवाह होंगे। इसके चलते छत्तीसगढ़ी रस्मों-रिवाज से होने वाली शादियों में रेडिमेड बांस से बने सूपा, पर्स, टोकनी, तोरण, कटार, रंग-बिरंगी पंखे, सितारों से बने मोर-मुकुट के अलावा पूजन सामग्री और दूल्हा-दुल्हन के लिए कपड़े का बाजार सज चुका है।
छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया पर गुड्डा-गुड़िया की शादी करने की परंपरा है. छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में अक्षय तृतीया को ‘अक्ती’ के नाम से जाना जाता है. अक्ती पर्व मनाए जाने की तैयारियां महीनों पहले से शुरू हो जाती है। वही बाजार में मिट्टी के गुड्डा-गुड़िया बिक्री की जा रही है जो दिखने में बेहद खूबसूरत लग रहे हैं. इन गुड्डा-गुड़िया की कीमत भी काफी कम है. यहां आपको 50 रुपए, 60 रुपए, 80 रुपए, 100 रुपए और 150 रुपए में मिल जाएगी. ज्यादातर 50 से 60 रुपए वाले गुड्डा-गुड़िया बिकते हैं. मटका कलश का दाम 50 रुपए जोड़ी है. मोर का दाम 20 रुपए है. वहीं चुनरी का दाम 10 – 20 रुपए है. पुराने रीति रिवाज को निभाते हुए अक्षय तृतीया के दिन छत्तीसगढ़ में भी गुड्डा-गुड़िया की शादी धूमधाम से की जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button