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‘AI इन इंडिया’ से भारत बनेगा टेक की दुनिया का अगुआ : पीएम मोदी

PM मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 29 अप्रैल को दिल्ली में हुए YUGM कॉन्क्लेव में देश के युवाओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज का युवा देश का भविष्य है और वही आगे बढ़कर देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। पीएम मोदी ने बताया कि हमारे युवा आज “R & D – रेडी एंड डिसरप्टिव” की सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जो रिसर्च और इनोवेशन में देश को नई दिशा दिखा रहे हैं।

PM मोदी: युवाओं में है टैलेंट, टेक्नोलॉजी और जज़्बा – यही है सफलता का फॉर्मूला

युवाओं से बात करते हुए पीएम ने कहा कि आज का युवा पूरी तरह तैयार है और बदलाव ला रहा है। वो नए आइडियाज पर रिसर्च कर रहा है, इनोवेशन कर रहा है और देश को तकनीक के नए मुकाम तक पहुंचा रहा है। उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली की तारीफ करते हुए बताया कि आज भारत के कई विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। देश के कई बड़े विश्वविद्यालय अब विदेशों में भी अपने कैंपस खोल रहे हैं, जिससे पढ़ाई और विचारों का आदान-प्रदान और मजबूत होगा। मोदी ने “प्रतिभा” की एक दिलचस्प परिभाषा भी दी – उन्होंने कहा कि टैलेंट यानी स्वभाव और टेक्नोलॉजी का मेल। और यही मेल भारत के भविष्य को बदलने की ताकत रखता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि इस ताकत का इस्तेमाल देश को आगे बढ़ाने में करें।

PM मोदी ने बताया AI के ज़रिए भारत का बड़ा सपना

प्रधानमंत्री ने भारत के AI मिशन के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी डेटा सेट्स और रिसर्च फैसिलिटीज बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि ‘AI इन इंडिया’ को दुनिया में सबसे बेहतरीन बनाएं और भारत को भविष्य की तकनीक का लीडर बनाएं।” उन्होंने बताया कि IIT कानपुर और IIT बॉम्बे आज AI, इंटेलिजेंट सिस्टम्स, बायोसाइंस, बायोटेक्नोलॉजी, हेल्थ और मेडिसिन जैसे क्षेत्रों में बड़ी शुरुआत कर चुके हैं। उन्होंने वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क लॉन्च करने का एलान भी किया और बताया कि अब देश में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए ANRF यानी नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

PM मोदी: प्रोटोटाइप से प्रोडक्ट तक की रफ्तार बढ़ानी होगी

पीएम मोदी ने कहा कि हमें अगले 25 सालों में भारत को एक विकसित देश बनाना है। इसके लिए हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है और मंजिल भी बड़ी है। अब ज़रूरी है कि हम सिर्फ आइडिया या प्रोटोटाइप पर ही न रुकें, बल्कि उन्हें जल्द से जल्द प्रोडक्ट बनाएं। उन्होंने कहा कि जब लैब और मार्केट के बीच की दूरी घटेगी, तभी रिसर्च का फायदा तेजी से लोगों तक पहुंचेगा।

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