छात्रों की जेब पर डाका डालने वाले मेडिकल कॉलेजों पर गिरी गाज, भरेंगे 30 लाख जुर्माना

रायपुर: राज्य प्रवेश और फीस विनियामक समिति ने तीन निजी मेडिकल कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई करते हुए तीस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वजह ये है कि इन कॉलेजों ने छात्रों से तय सीमा से ज्यादा फीस वसूली थी। समिति ने आदेश दिया है कि एक महीने के भीतर यह अतिरिक्त ली गई राशि छात्रों को सात प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ लौटाई जाए। अगर तय समय में ये पैसा वापस नहीं किया गया, तो सरकार इन मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश करेगी। रायपुर के श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) और भिलाई के शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जुनवानी में एमबीबीएस और एमडी/एमएस कोर्स के दौरान ट्रांसपोर्ट, हॉस्टल और मेस के नाम पर छात्रों से तय से कहीं ज्यादा फीस वसूली गई थी। छात्रों की शिकायत पर समिति ने जांच की और जब गड़बड़ी पाई गई तो हर कॉलेज पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
इन कॉलेजों ने कितनी ज्यादा फीस वसूली? शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जुनवानी ने: ट्रांसपोर्ट के नाम पर 2.50 लाख रुपये लिए, जबकि असल में यह सिर्फ 4,635 रुपये है। हॉस्टल के नाम पर 53,337 रुपये की जगह 2.46 लाख रुपये वसूले गए। मेस के नाम पर 51,015 की जगह 56,700 रुपये लिए गए। हर छात्र से कुल 4,43,713 रुपये ज्यादा लिए गए हैं। श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, मोवा ने: तीनों मद में मिलाकर छात्रों से 5.50 लाख रुपये वसूले। जबकि सही आंकड़ों के मुताबिक, ट्रांसपोर्ट का चार्ज 13,719 रुपये, हॉस्टल चार्ज 50,583 और मेस चार्ज 27,476 रुपये होना चाहिए। यहां हर छात्र से करीब 4,58,222 रुपये ज्यादा वसूले गए। रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स), भानसोज ने: तीनों मद में मिलाकर भी 5.50 लाख रुपये फीस ली। जबकि सही फीस: ट्रांसपोर्ट 13,384 रुपये, हॉस्टल 37,748 रुपये और मेस 45,275 रुपये है। यहां हर छात्र से लगभग 4,53,593 रुपये ज्यादा वसूले गए। अगर चाहें, तो मैं इसे सोशल मीडिया के लिए भी छोटा और आकर्षक बनाकर दे सकता हूँ या फिर न्यूज़ बुलेटिन की तरह पेश कर सकता हूँ। बताइए!