जिलाधीश कार्यालय में गूंजी जय जय छत्तीसगढ़ महतारी

रायपुर। जय जय छत्तीसगढ़ महतारी, सबले सुग्घर, सबले पियारी… जब यह पवित्र आरती रेडिएंट वे स्कूल के नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों की मधुर स्वर-लहरियों में जिलाधीश कार्यालय परिसर में गूंजी, तो पूरा वातावरण भक्ति, संस्कृति और गर्व से सराबोर हो उठा। दीप प्रज्वलन की झिलमिलाहट और बच्चों की एकस्वर प्रस्तुति ने उपस्थित हर व्यक्ति के हृदय को छू लिया।छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष और छत्तीसगढ़ी राजभाषा सप्ताह के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम, छत्तीसगढ़ द्वारा इस हृदयस्पर्शी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यगीत ‘अरपा पैरी के धार…’ के सामूहिक गायन से हुआ। इसके बाद प्रसिद्ध साहित्यकार उर्मिला देवी ‘उर्मि’ द्वारा रचित छत्तीसगढ़ महतारी की आरती की स्वरबद्ध प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों की निर्मल वाणी और भावपूर्ण अभिव्यक्ति देखकर दर्शकों ने कहा, आज सचमुच एक नया इतिहास रच दिया गया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय महामंत्री महेश शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा, डॉ. उदयभान चौहान, शालू सूर्या, रैना साहू, आदित्य बर्मन, डॉ. ईश्वर दान आशिया सहित अनेक गणमान्य साहित्यकार, कवि और नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में छत्तीसगढ़ महतारी की जय-जयकार की और प्रदेश की उन्नति, शांति एवं समृद्धि की कामना की।
राष्ट्रीय कवि संगम के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे आयोजन छत्तीसगढ़ी भाषा-साहित्य और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम हैं। बच्चों की इस प्रस्तुति ने सिद्ध कर दिया कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में बसी मातृभक्ति और सांस्कृतिक गौरव आने वाली पीढ़ियों में भी अटल बना रहेगा।




