
नई दिल्ली। इसरो ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। इसरो ने भारतीय नौसेना के लिए सीएमएस 03 सेटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर यह कीर्तिमान रचा है। अब नौसेना बेहतर संचार कर सकेगी और दुश्मन के इलाकों पर नजर रख पाएगी। कि यह भारत का सबसे भारी सेटेलाइट है जिसे इसरो ने अपने बाहुबली रॉकेट एलवीm35 से लॉन्च किया। देसी तकनीक से बनाई यह सैटेलाइट नौसेना के जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों को बेहतर ढंग से जोड़ने का काम करेगी। भारतीय नौसेना का यह सीएमएस 03 सैटेलाइट जिसे GS87R के नाम से भी जाना जाता है। एक कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। यह सैटेलाइट नौसेना का अब तक का सबसे एडवांस सैटेलाइट है।
उल्लेखनीय है की स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित उपग्रह को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इसरो के अनुसार, सीएमएस-03 बहु-बैंड संचार उपग्रह है और यह भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रक्षेपण को देश की आत्मनिर्भरता की भावना का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, भारत के सबसे उन्नत संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। यह हमारे देश की आत्मनिर्भरता और अत्याधुनिक नवाचार की भावना का एक प्रमुख उदाहरण है। तकनीकी उत्कृष्टता के लिए इसरो की निरंतर खोज भारत को गौरवान्वित करती है। नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में मजबूत दूरसंचार कवरेज प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इसके पेलोड में ऐसे ट्रांसपोंडर शामिल हैं जो विभिन्न संचार बैंड पर आवाज, डेटा और वीडियो लिंक का समर्थन करने में सक्षम हैं।
भारत का मानव मिशन
इसमें दी गई हाई कैपेसिटी बैंडविथ इसे और भी खास बनाती है। यह ज्यादा मात्रा में डाटा को बेहद तेजी से ट्रांसफर कर सकेगा। जिससे जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और कमांड सेंटर्स के बीच एक सुरक्षित, तेज और बिना किसी रुकावट वाला नेटवर्क तैयार होगा। इन सभी खूबियों की वजह से यह सेटेलाइट भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत को और भी सशक्त बनाएगी।




