
सही तरीके से चलना: सेहत के लिए बेहद ज़रूरी!-क्या आप जानते हैं कि आप जिस तरह से चलते हैं, उसका आपके शरीर पर गहरा असर पड़ता है? चलना एक आसान व्यायाम है, लेकिन सही तरीके से चलने से ही आपको इसके पूरे फायदे मिलेंगे। गलत तरीके से चलने से आपकी पीठ, घुटने और पैरों में दर्द हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे आप सही तरीके से चलकर अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
1. परफेक्ट पोस्चर: सीधा खड़ा होना है राज-कई बार हम बिना ध्यान दिए झुककर चलते हैं या कंधे ढीले छोड़ देते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी और घुटनों पर ज़्यादा दबाव पड़ता है। सही तरीका है कि चलते समय सिर को सीधा रखें, कंधों को आराम से रखें और पीठ को सीधा रखें। इससे आपकी चाल बेहतर होगी और लंबे समय तक चलने पर भी आपको कम थकान महसूस होगी। सोचिए, एक सुंदर और आत्मविश्वास से भरी चाल आपके व्यक्तित्व में कितना चार-चाँद लगा सकती है! इसके अलावा, सही पोस्चर से आपकी शारीरिक क्षमता भी बढ़ेगी और आप बिना थके ज़्यादा देर तक चल पाएंगे। अपने शरीर को एक सीधा और मज़बूत ढाँचा बनाए रखने के लिए, हर कदम पर ध्यान केंद्रित करें और अपने शरीर के संरेखण को बनाए रखें। आप एक दर्पण के सामने अभ्यास कर सकते हैं या किसी योग प्रशिक्षक से मार्गदर्शन ले सकते हैं।
2. जूतों का चुनाव: आराम और सहारा दोनों ज़रूरी-आपके जूते आपकी वॉकिंग एक्सपीरियंस को पूरी तरह से बदल सकते हैं! गलत जूते पहनने से पैरों और घुटनों में दर्द और सूजन हो सकती है। टाइट, फ्लैट या कम कुशनिंग वाले जूते आपके पैरों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। इसलिए, हमेशा आरामदायक और सही फिटिंग वाले जूते पहनें, खासकर अगर आप रोज़ लंबी दूरी तय करते हैं। ऐसे जूते चुनें जिनमें आपके पैरों को पूरा सहारा और कुशनिंग मिले। याद रखें, आपके पैर आपके पूरे शरीर को सहारा देते हैं, इसलिए उनके लिए सही जूते चुनना बेहद ज़रूरी है। अगर आपको पैरों में दर्द या सूजन की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें और ऐसे जूते चुनें जो आपके पैरों के आकार और प्रकार के लिए उपयुक्त हों।
3. कदमों का ध्यान रखें: छोटे और संतुलित कदम-ज़्यादा लंबे कदम उठाना घुटनों और हिप जॉइंट पर ज़्यादा दबाव डालता है। इसलिए, संतुलित और छोटे कदम उठाएँ। पैरों को घसीटकर चलने की आदत भी नुकसानदायक है। कोशिश करें कि पैर को हल्का उठाकर और सामान्य गति से रखें। इससे आपके जोड़ों पर कम दबाव पड़ेगा और चोट लगने का खतरा कम होगा। अपने कदमों की लंबाई और गति पर ध्यान दें। आप धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे गति बढ़ा सकते हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार की तकलीफ हो रही है, तो तुरंत रुक जाएं और आराम करें।
4. सतह और वार्म-अप: सुरक्षित वॉकिंग के लिए ज़रूरी-किंग से पहले हल्का स्ट्रेचिंग और वार्म-अप करना बहुत ज़रूरी है। अचानक तेज चलने से मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। जहाँ तक हो सके, समतल और साफ सतह पर चलें। ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलने से पैरों पर असमान दबाव पड़ता है और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। वॉकिंग के दौरान हाथों को नेचुरली आगे-पीछे हिलाना भी बैलेंस के लिए मददगार होता है। अपने शरीर को सुनें और अगर आपको कोई परेशानी महसूस हो तो तुरंत रुक जाएं। ध्यान रखें, सुरक्षित वॉकिंग का मज़ा उठाने के लिए तैयारी और सावधानी दोनों ज़रूरी हैं।

