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यूपीआई में बड़ा बदलाव: क्रेडिट लाइन का सही इस्तेमाल जरूरी

यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) से जुड़े लेन-देन में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि अब यूपीआई वॉलेट में पहले से मंजूर कर्ज की रकम (क्रेडिट लाइन) का इस्तेमाल केवल उसी उद्देश्य के लिए किया जा सकेगा, जिसके लिए बैंक ने उसे मंजूरी दी थी। यह नया नियम 31 अगस्त 2025 से लागू होगा। आइए इस बदलाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नया नियम क्या है – स नए नियम के तहत, यदि किसी ग्राहक को किसी विशेष जरूरत के लिए बैंक से क्रेडिट लाइन मिली है, तो उसे उसी काम के लिए इस्तेमाल करना होगा। इसका मतलब है कि यदि किसी ने पढ़ाई के लिए कर्ज लिया है, तो वह इस राशि का उपयोग किसी और चीज के लिए नहीं कर सकेगा।

एनपीसीआई का निर्देश – NPCI ने सभी बैंकों, भुगतान कंपनियों और ऐप कंपनियों को इस बदलाव को लागू करने का निर्देश दिया है। पहले यूपीआई पर केवल बचत खाते, वॉलेट या रुपे क्रेडिट कार्ड को जोड़ा जा सकता था, लेकिन अब क्रेडिट लाइन सुविधा को भी जोड़ा गया है।

क्रेडिट लाइन का महत्व – क्रेडिट लाइन एक प्रकार का लोन होता है, जिसे बैंक अपने ग्राहकों के लिए पहले से मंजूर करता है। इसमें ग्राहक को खर्च करने के लिए एक निश्चित राशि निर्धारित की जाती है। यदि उपयोगकर्ता के बचत खाते या यूपीआई वॉलेट में पैसे नहीं हैं, तो वह इस कर्ज की राशि का उपयोग कर सकता है।

दुरुपयोग की समस्या – हालांकि, पहले इस सुविधा का नियंत्रण और निगरानी की व्यवस्था कमजोर थी। कई बार देखा गया कि ग्राहक इस कर्ज का इस्तेमाल उस मकसद के लिए नहीं करते, जिसके लिए यह मंजूरी मिली थी। इससे बैंकिंग प्रणाली और उपभोक्ता सुरक्षा दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

नए नियमों की विशेषताएँ
कर्ज का सही इस्तेमाल: अब कर्ज का इस्तेमाल उसी काम के लिए होगा, जिसके लिए बैंक ने मंजूरी दी है।

बैंक की भूमिका: बैंक यह तय करेगा कि किस लेन-देन को मंजूरी दी जाए और किसे नहीं। यह निर्णय बैंक अपनी नीति और उस ऋण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर करेगा।

लेन-देन पर निगरानी: यदि ग्राहक उस क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल गलत उद्देश्य के लिए करता है, तो बैंक उसे रोक सकेगा। यह व्यवस्था इस नए सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत मानी जा रही है।

ऐप में बदलाव: सभी बैंक, यूपीआई भुगतान सेवा प्रदाता और ऐप कंपनियों को नए कोड जोड़ने होंगे ताकि ब्याज वाली क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल आसान हो सके।

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