
उत्तराखण्ड: धामी सरकार की कैबिनेट में जो पांच सीटें खाली हैं, उन्हें भरने की बात तो काफी वक्त से चल रही है, लेकिन अब तक इस पर कोई खास हलचल नजर नहीं आ रही है। अंदरूनी सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इन पांच में से सिर्फ तीन सीटों पर ही नए चेहरे शामिल किए जाएंगे, बाकी दो कुर्सियां अभी के लिए खाली ही रहने वाली हैं। धामी कैबिनेट में अब सिर्फ तीन नए मंत्री बनेंगे धामी कैबिनेट का विस्तार काफी वक्त से अटका हुआ है। पहले से ही चार जगहें खाली थीं, और हाल ही में प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद एक और पद खाली हो गया। इस तरह अब पांच सीटों पर नए चेहरों की जरूरत है। उम्मीद थी कि सभी पांच सीटें भर दी जाएंगी, लेकिन खबर यही है कि अभी सिर्फ तीन नामों को ही मौका मिलेगा।
जातीय संतुलन बनाना बीजेपी के लिए बना सिरदर्द सूत्रों की मानें तो दो सीटें फिलहाल खाली ही छोड़ दी जाएंगी। जिन विधायकों को मंत्री बनने की उम्मीद है, वे अब भी बेसब्री से फैसले का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन किन तीन लोगों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, इस पर अभी कोई तय मुहर नहीं लगी है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में कुछ नाम जरूर चर्चा में हैं। असल में, पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि जातीय संतुलन कैसे बनाया जाए। इन विधायकों को मिल सकता है कैबिनेट में मौका गढ़वाल से किसी मजबूत विधायक को मौका मिल सकता है। पार्टी की कोशिश रहेगी कि नए और पुराने चेहरों का संतुलन बना रहे। जो नाम चर्चा में हैं उनमें मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, खजान दास, मदन कौशिक, आशा नौटियाल और बिशन सिंह चुफाल जैसे नाम शामिल हैं। सरकार ये भी चाहती है कि अलग-अलग जिलों से प्रतिनिधित्व हो, ताकि हर इलाके की भागीदारी कैबिनेट में दिखे।